Tuesday, February 23, 2010

अरे सी. एम. मुझे सोसल वर्कर बना दो

बात ये कल की है , उनलोगों की है जो सोसल वर्कर होकर भी अपने ऊपर होता हुआ
शोषण नहीं रोक पाते है ! कल हम भी लखनऊ शहर पहुचे ,
एक इंटरवीऊ था ! पोस्ट थी 12 एक बैकलाग ,बाकी अदर मै भी पहुच कर बी.पी .अल की लाइन में खड़ा हो गया ,
कुल यूथ थे 200 ,टाइम 10.30 ,Date 22..2.2010 , मेरा भी नंबर शाम को 4.30 बजे आया मै भी तैयार था की
सारे पैनल में बैठे हुए अधिकारी मुझसे क्या पूछेगे ? जब एक के मुह से निकला की वीर रस के कवी का नाम बताओ
तो मै हैरान था ! मैंने कह दिया की जय शंकर प्रसाद जी , उनकी ही चार लाइन मैंने सुना भी दी जो की कुछ इस तरह थी ,
" दिखा दो कर्मठता सफलता पर को चूमे , सजा दो इस तरह गुलसन सुमन बिन कुञ्ज के झूमे ,किसी इतिहास में नया
पन्ना ऐसे नहीं जुड़ता , बनो ऐसे नगीना की हसीना खोजती घूमे ! " ये सुनकर एक महोदय के मुह से निकल ही आया
की या आप शायरी भी करते है ? अजी मैंने कह दिया मै तो बस आप लोगो का दिल रख रहा था मेरी ऐसे भाग्य
कहा , फिर बोले की समाज शास्त्र में दंड का सिधांत क्या है ? हमें कह की वो जो आज नहीं होता है जैसे की आप मुझे
ही देखे मै सुबह से यहाँ बैठा हू मगर किसी ने एक गिलास पानी भी नहीं पूछा और वाही सारे लोगो के सामने आप दिन भर
चाय - नास्ता कर रहे है अरे फिर के था वो तो नाराज ही हो गए , खैर कोई बात नहीं थी जैसे तैसे वहा से बाहर निलकर आया !
पर लगा की ये सारे लोग जो आज यहाँ लाइन में खड़े है कितने बेचारे है ? इस पोस्ट के लीये भी उत्तर प्रदेश की मुख्यामंतिरी महोदय
की डिमांड है 4,00000 रूपये ! भला वो लड़का जो की एक बाबु के परिवार से बिलांग करता हो और जिसके ऊपर भी तीन बड़े भाइयो
की जिम्मेवारी उनके पिता पर हो वो कहा से ये कीमत चुका सकते है जबकि उनका वो लड़का खुद इस सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है !
स्वाथ्य मंतिरी महोदय( श्री अन्टू मिश्र ) का पी. आर . ओं कह रहा था की आशीष जी आप इस चक्कर में मत पड़े आराम से कोई संस्था
चलाये जो और मदद होगी हम कर देगे ! खैर लखनऊ प्रवास के बाद मैंने सोचा की वो 52 करोड़ यूथ कैसे जिंदा रहते होगे जो की
सोसल वर्कर नहीं तो बाबु बनने के सपने अपने घर वालो के साथ देखते है ? अरे भइया जी यहाँ सोसल वर्कर मत बनिय्गा नहीं तो
फिर सी .एम .से कहना पड़ेगा की मुझे सोसल वर्कर बना दो ........कितनी लम्बी है ये भ्रस्टाचार की हुकूमत

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