Thursday, January 20, 2011

Manik Ji शीतलहर !

नोचती खरोचती सी दिखी
शीतलहर बस्ती में
तब भी खेतिहर डटे रहे
मजदूर मिले खेतों में जूते हुए
पाला पड़ा जब मेढ़ों पर
सडकों पर कोहरा छाया था
फसलें बेचारी कांपती रही
कोसती रही छिटपुट जोतों का बंटवारा
दुबका रहा दोपहर तलक 
बादलों की ओट में कहीं सूरज
न पेड़ हिले न पत्ते गिरे
न बाहर निकले ढोर 
ग्रहण लगा था आजु-बाजू
सबकुछ ठिठुरा दिनभर
बूढ़े गंठड़ी से दुबके दिखे रजाइयों में
बस्ती के बच्चे मिले उस रोज़
पुश्तैनी गंध सने कम्बलों के हवाले
ठण्ड से करते हाथापाई
उग आई थी ठण्ड की बैलें एकाएक
हर झोंपड़े के आँगन में 
पता नहीं कब पसरी
चढ़ गई छत तक जा बैठी
कान खुजाते कुत्ते भी थे 
उस आलम के हिस्से में 
कुछ धूप ढूँढते गधे दिखे
पिल्लै रोते रहे दिनभर 
दिल न पसीजा शीतलहर का
तनिक शर्म न आई उसे
पहले ही ठंडा जीवन था जिनका
बस्ती का राम सहारा था
शहर में लूट ली जाती वैसी  
योजनाओं की गर्मी यहाँ कहाँ
दमखम वाले युवा तक काँप उठे
अलाव तापते मिले
 दुशालों में लिपटे पूरे
इनकी सर्दी कौन हरेगा
अब कौन ये मौत मरेगा
व्याकुल मन में प्रश्न बड़े हैं
कुछ उलझे कुछ आतुर
कैसे भूलूँ उस दिन को
बहुत से अनुत्तरित प्रश्नों के साथ 
जब बस्ती में घूस आई शीतलहर

Tuesday, January 18, 2011

My life, job under threat: Banda woman constable



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शीलू बलात्कार कांड !

बीते 32 दिनों से बुंदेलखंड के बांदा जनपद में शीलू बलात्कार कांड ने जो धमाल मचा रखा है ये कही ना कही मीडिया 
की सकारात्मक सोच है और उनके ही प्रयासों का नतीजा भी है की ये मामला इस स्तर तक जा पंहुचा है लेकिन ये भी एक हकीकत ही है 
की अगर यह अपराध उत्तर परदेश सरकार से जुड़े विधायक श्री पुर्सोतम नरेश का नहीं होता तो शायद शीलू भी मीडिया के किसी कोने में 
एक दो दिन खबर पाकर अब तक धूमिल हो गई होती , मगर हा इस लड़की के साथ हुए बलात्कार के कांड ने उतर प्रदेश और भारतीय 
राजनीति की एक आने वाली और गन्दी तस्वीर ज़रूर दिखला दी है !
मामले को तूल देने में जहा सामाजिक संगठन से लेकर तमाम राजनेताओ ने अपनी रोटिया सेकी है वही BJP / Kangres / SP Political
Drama ने एक बात तो सिखा ही दी है की अगर मामला सरकार को घेरने का हो तो लड़की से बेहतर कोई मुद्दा नहीं हो सकता है
आखिर क्यों ये राज नेता बेकारी , भ्रस्टाचार, महिला भ्रूण हत्या , अपहरण , सूखा - पलायन , किसान आत्महत्या पे एक मंच 
पर आये और क्यों हमारी जनता भी इन मुद्दों को उठाये ? उसको तो हमेसा ही इन राजनेताओ और मीडिया की रखैल बने रहने की आदत जो है 
जहा कुछ संगठन ने इस शीलू केश के सरे आम अपने को श्रेय देने की कोशिस की है उनमे Gulabi Gnag से लेकर जाने माने
राजनीतक बैनर भी शामिल है , मित्रो काश की शीलू की आवाज हर उस बलात्कारी लड़की की कहानी बनजाती जो आज भी एक खबर बन पाने को मीडिया की राह तकती है और उनमे शामिल होते है हम जैसे ही लोग जो सिर्फ मुद्दों का मजा ही लुटते है शमाचार खबरों की तरह !
देर सबेर प्रदेश की SBCID Report और सुप्रीम कोर्ट का अब दखल इस की सजा
अपराधियों को देगा ही मगर क्या फिर भी शीलू के अतीत के पन्ने -म और असली बात सामने आ पायेगी ! साथ ही बांदा जनपद के शहबाज पुर गाव की ये घटना बांदा के बलात्कार कांड की भी हमेशा एक नज़र बनकर राह सकेगी ?
लेकिन हा शीलू तुम्हे इस जनता के नाटकीय क्रम में लीड किरदार के लिए हार्दिक मुबारक बाद है.....

Banda rape victim released



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Sunday, January 16, 2011

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(Report) केन- बेतवा लिंक परियोजना - "विकाश की स्लेट पर विनाश की तस्वीर"


विकाश की स्लेट पर विनाश की तस्वीर 

 केन- बेतवा लिंक परियोजना 
बुंदेलखंड के छतरपुर ,पन्ना,टीकमगण ,झाँसी जिले केलोगों की तक़दीर बदलने वाली  ,बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण केन -बेतवा लिंक परियोजना पर भी सवाल उठने लगे हें | अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब देश की ३७ नदियों को आपस में जोडने का फैसला लिया गया ,उनमे से एक यह भी थी | देश की इन ३७ नदियों को आपस में जोडने पर ५लख ६० हजार करोड़ रु .व्यय होने का अनुमान लगाया गया था | |यह देश की वह परियोजना है जिसे सबसे पहले शुरू होना था | परियोजना के सर्वेक्षण कार्य पर ३० करोड़ रु ,व्यय किये गए हें | ६ हजार करोड़ की इस परियोजना का मुख्य बाँध पन्ना टाइगर रिजर्व  के डोंदन गाँव में बनना है | बाँध वा नहरों के कारण सवा पांच हजार हेक्टेयर छेत्र  नष्ट हो जाएगा ,छतरपुर जिले के दस गाँव डूब जायेंगे |
केन बेतवा लिंक परियोजना में चार बाँध बनाए जायेंगे | केन नदी पर डोंदन बाँध बनेगा |७७ मी.ऊँचा वा १९६३३ वर्ग कि.मी. जलग्रहण छमता  वाले इस मुख्य बाँध में २८५३ एम्.सी.एम्.पानी भंडारण कि छमता होगी|२६१३.१९ करोड़ कि लागत वाले इस बाँध से दो  बिजली घर बनेंगे जिससे ३६ में.वा. बिजली बनेगी  |इन बिजली घर पर ३४१.५५ करोड़ कि  राशि व्यय  होगी  |इस बाँध के कारण पन्ना टाइगर रिजर्व  कि ५२५८ हेक्टेयर जमीन  सहित कुल ९हजार जमीन डूब जाएगी | इस जमीन पर बसे सुकुवाहा ,भावर खुवा ,घुगारी ,वसोदा ,कुपी,शाहपुरा ,डोंदन ,पल्कोहा ,खरयानी,और मेनारी गाँव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा | बाँध से २७०८.३६ करोड़ कि लागत से नहरें बनाई जाएँगी | २१८ कि.मी.लम्बी मुख्य  नहर उत्तर प्रदेश के बरुआ सागर में जाकर मिलेगी | इस नहर से १०७४ एम्.सी.एम्. पानी प्रति वर्ष भेजा जाएगा ,जिसमे से ६५९ एम्.सी.एम्. पानी बेतवा नदी में पहुंचेगा |
डोंदन बाँध के अलावा तीन और बाँध भी मध्य प्रदेश कि जमीन पर बेतवा नदी पर  बनेंगे | रायसेन वा विदिशा जिले में बनने वाले मकोडिया बाँध से ५६८५० हेक्टेयर छेत्र में,बरारी बेराज से २५०० हे.वा केसरी बेराज से २८८० हे. छेत्र में  सिचाई  होगी | लिंक नहर से मार्गों में ६०२९४ हे. छेत्र सिंचित होगा ,इसमे मध्यप्रदेश के ४६५९९ हे. वा उत्तर प्रदेश के १३६९५ हे.छेत्र में सिचाई होगी | डोंदन बाँध से छतरपुर और पन्ना जिले कि ३.२३ लाख हे. जमीन सिंचित होगी
 बाँध को पर्यावरण विद उचित नहीं मानते हें | इसे प्रकृति के के नियमों के विपरीत वा विनाशकारी  मानते हुए डॉ.वंदना शिवा  सेमिनारों में कह चुकी हें कि  सरकार यह सब विदेशी कम्पनियों के इशारे पर बुंदेलखंड कि जेव विभिद्द्ता को नष्ट करने कि साजिश कर रही हे | सरकार पानी पर से जनता के बुनियादी अधिकार को ख़त्म करना चाहती हे | केन और बेतवा  के पानी के निजीकरण की पहली सीडी है | इस परियोजना पर जितना पैसा लगाया जा रहा है यदि उसे गाँव का पानी गाँव में रोकने पर खर्च किया जाए तो बुंदेलखंड के हर गाँव में खुशहाली छा जायेगी |
अब यहाँ सरकार को यह बात समझ में शायद नहीं आती की ,या वह समझना नहीं चाहती की एक ओर पन्ना टाइगर रिजर्व हे , जिसको बचाए रखने का दावा सरकार  करती रहती है | बाघों को बचाने के लिए सरकार ने खजाना खोल रखा है  " दूसरी ओर वाही सरकार पार्क एरिया में बाँध बनाकर बाघों को भी विस्थापित करना चाहती है 

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