Friday, November 16, 2012

मेरे नाम का दीप जलाकर, भ्रष्टाचार की जोत जला दो, मेरा भी सम्मान करा

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इस कॉर्पोरेटीकृत समय में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, अवकाशप्राप्त अफसरों का भ्रष्टाचार के खिलाफ अश्वमेघ यज्ञ और उसके एवज में मिलने वाले श्रीफल सब ले-दे कर ही आयोजित होते हैं। इस कड़वे सच से सामना सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर का भी हो ही गया और समय रहते उन्हें इन पुरस्कारों के पीछे छिपी कालिख नज़र आ ही गई। पूरा वाकया उनकी ही जुबानी -
  “मित्रों समयानुकूल बात ये है कि …आज कल  समाजसेवा और उद्यम, कार्पोरेट जगत में मिलने वाले पुरुस्कार और अवार्ड भी कीमत अदा करके ही हासिल किये जाते हैं या फिर मिल रहे हैं, कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी घट रहा है सच का सामना यह है कि दिल्ली की  www.gaf.net.in  Global Achievers Foundation ,की तरफ से आयोजित इंटर नेशनल सेमिनार -4 January 2013 को बैंककाक ,थाईलैंड में होना है, जिसमें इस साल का एशिया पैसफिक इंटर नेशनल एवार्ड -2012 के लिए मेरा व्यक्तिगत / प्रवास सोसाइटी के संचालक की भूमिका में चयन हुआ है ……इसके लिए  भी 25000 Rs. मुझे  चुकाने होंगे। यानि अब एवार्ड / पुरुस्कार भी कीमत देकर दिए और दिलाये जाते हैं, इसके लिए तो बस यही कह सकता हूँ कि – ” मुझसे शाल – श्री फल लेकर, मेरा भी सम्मान करा दो, एक सुन्दर सा मंच बना दो, मैं काबिल हूँ या नहीं महोदय इससे फर्क क्या पड़ता है ?
    मेरे नाम का दीप जलाकर, भ्रष्टाचार की जोत जला दो,
    मेरा भी सम्मान करा दो …………
Thank U…Life Is Continue “
मज़े की बात यह है कि इस संस्था के बोर्ड ऑफ पैटर्न में सबसे ऊपर सीबीआई के पूर्व निदेशक सरदार जोगिन्दर सिंह का नाम लिखा हुआ है जिन्हें अक्सर भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण देते हुये बुद्धू बक्से पर देखा जा सकता है। सवाल यह उठता है कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ तथाकथित आजादी की दूसरी लड़ाई का काला सच भी ऐसा ही है ?  

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