Tuesday, November 18, 2014

वनविभाग की हरियाली का खेल....!

अमर उजाला समाचार 19 नवम्बर 2014 बुंदेलखंड पेज से ..आज जारी -
वनविभाग की हरियाली का खेल जनसूचना अधिकार कानून से सामने आया l 
बुंदेलखंड का वन क्षेत्र बाँदा में 1.22 % मात्र रह गया है l यहाँ गत 5 सालो में 200 करोड़ का पौधरोपण हुआ सरकारी l जिसमे 29 लाख इस वर्ष के अलग से है शामिल है और वर्ष 2010 के 10 करोड़ पौधे हरित अभियान अलग से है l बड़ा सवाल ये है कि बुंदेलखंड में इस वर्ष 19 सूखा पड़ा है l इस सूखे के असल गुनाहगार कौन है ? उन्हें क्या सजा देना चाहिए सुप्रीम कोर्ट को ? जंगलो के रखवाले एक साल में 36152875.00 करोड़ रूपये की पगार ले रहे है l क्या इसके बदले में ये हरियाली लगाने का काम केंद्र सरकार किसानो और आदिवासियों को नही दे सकती ?
क्यों नही वनविभाग को समूल ख़तम कर देना चाहिए ? बुंदेलखंड की किसान आत्महत्या का ज़िम्मेदार है ये जंगल दफ्तर l सजा कौन देगा सूखे की ? 
उत्तर प्रदेश समेत बुंदेलखंड के सातो जिलो में प्रत्येक वर्ष ये पौधरोपण अभियान बारिश में किया जाता है l मगर परिणाम सिफार निकलता है l आखिर क्यों संवेदन हीन हो गए है हरियाली के रखवाले , क्या उन्हें पर्यावरण और प्रकृति से नफरत है या वे अपने भविष्य को अस्तित्व सहित मिटाना चाहते है ? 
जवाब मुझे पूछना है देश के पर्यावरण मंत्रालयों से कि जंगल विभाग पहाड़ो , वनों और किसानो को मारने के लिए बनाया गया है क्या ? बंजर धरती के लुटेरो तुम्हे  प्रकृति  माफ़ नही करेगी ....

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