Thursday, October 23, 2014

' ग्लोबल हरियाली चौपाल ' में होगा किसानो का सम्मान

बुंदेलखंड / बाँदा 2३ अक्तूबर 2014 
सबको शुभ मंगल दीपावली l 




आज चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय बाँदा में ' ग्लोबल हरियाली चौपाल ' की दूसरी बैठक की गई l इसके पूर्व 6 अक्तूबर को बाँदा के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह की प्रयोगशाला में ये बैठक आहूत की गई थी l आज की आवश्यक बैठक स्थानीय डी.सी.डी.एफ में संपन्न हुई l 
उल्लेखनीय है कि बैठक में हरियाली चौपाल का नाम वैश्विक दुनिया को एकाकार रूप में परिवार के साथ देखते हुए इसके साथ ग्लोबल शब्द और जोड़ा गया है l अबसे इसे ग्लोबल हरियाली चौपाल नाम दिया गया है l इसका फेसबुक पेजhttps://www.facebook.com/haryali.choupal है l फोरम का केन्द्रीय कार्यालय बडोखर खुर्द हयूमन एग्रीरियन सेंटर होगा l 
फोरम में सर्वसम्मति से तय किया गया कि बाँदा के प्रगतिशील किसान / प्रशिक्षक स्वर्गीय कामराज सिंह की स्मृति में प्रत्येक वर्ष ' कामराज सिंह स्मृति हरियाली सम्मान ' दिया जायेगा l जिसकी धनराशी अभी 21 हजार रूपये, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र तय की गई है l जिसको हम बढाकर एक वैश्विक स्तर के काबिल भी करेंगे l पर्यावरण के सन्दर्भ में ये सम्मान दिवस होगा l 
इस फोरम की हर माह बैठक केन्द्रीय टीम के साथ होगी l साथ ही आगामी 31 अक्तूबर को ग्राम खहरा में स्वर्गीय कामराज सिंह के लगाये बाग़ में एक शोक सभा की जाएगी l इस फोरम की शाखा ग्राम से लेकर समुदाय तक तैयार होगी l आज की बैठक आप कह सकते है हमने एक कमरे में की है लेकिन स्थान का चयन हर बार अलग - अलग स्थान ही रहेंगे l किसान चरित्र को ध्यान में रखकर किसान जीवन और साहित्य को एक साथ संगम के रूप में स्थापित किया जायेगा l वार्षिक किसान नीति पर व्याखान होंगे l समय - समय पर शोध कार्यो से मीडिया एडवोकेसी को आंदोलित किया जायेगा l बुंदेलखंड के सन्दर्भ में प्रचारित बेचारा ,लाचारी , सूखा और किसान आत्महत्या की नियति को मुक्त करने का जतन होगा l 
इस फोरम ग्लोबल हरियाली चौपाल का संयोजक प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह , सहसंयोजक कामरेड सुधीर सिंह, मीडिया प्रभारी आशीष सागर, प्रवक्ता केशव तिवारी, परामर्श दाता उमाशंकर परमार और पत्राचार विमर्श नारायण दास गुप्ता को बनाया गया है l

रंज और केन नदी का सीना चीरते बालू माफिया

बुंदेलखंड / बाँदा 24 अक्तूबर जारी -
बाँदा जिले के नरैनी तहसील के ग्राम पंचायत खलारी में रंज नदी की धार को रोककर बालू का अवैध खनन किया जा रहा है l इस ग्राम का प्रधान श्यामचरण पटेल सपा का नेता और दबंग आदमी है l पूर्व में इस ग्राम प्रधान पर ही तत्कालीन जिलाधिकारी जीएस. नवीन कुमार ने 6 लाख रूपये की अवैध बालू खनन की रिकवरी नोटिस जारी की थी l इस पर ये उच्च न्यायालय से स्टे ले आया l स्टे में लिखा गया कि यदि जिलाधिकारी , खनिज अधिकारी इस बात की गारंटी ले की अबसे अवैध खनन नही होगा तो यथा स्थति बरक़रार राखी जाये l
तत्कालीन जिलाधिकारी का स्थान्तरण हुआ और ये दबंग ग्राम प्रधान श्यामचरण पटेल एक बार फिर अपने गिरोह के साथ रंज नदी में लाल बालू का खनन कर रहा है l मनारेगा योजना में इसने जो पक्के काम कराये उसका सप्लायर / ठेकेदार इसका छोटा भाई है जो बिना रवन्ना के बालू सप्लाई कर रहा है l
जब मैंने खंड विकास अधिकारी नरैनी से इस सम्बन्ध के कागज मांगे तो सूचनाधिकार के मुताबिक मुझसे तीस दिन में उनकी तरफ से जवाब देने के चलते 2550 रूपये जमाकर ये जानकारी लेने को कहा गया l मैंने ग्राम निधि खाता में ये राशी जमाकर दिए है


लेकिन आज दो माह बीत गया मुझे सीडीओ बाँदा से अपील के बाद भी दस्तावेज नही प्रदान किये गए है l
अब मै इस ग्राम प्रधान , ग्राम सचिव , खंडविकास अधिकारी पर नाजायज 2550 रूपये वसूली भ्रस्टाचार का मुकदमा दर्ज करवा रहा हूँ l
सरकार के आला अधिकारी ही माफियाओ से नदी को मारने का काम कर रहे है l उनके लिए कानून और पर्यावरण के कोई मायने नही है l वो आदेश सिर्फ गार्ड फाइल में लगने के लिए होते है l दावा ये ही होता है कि कार्यवाही की जाएगी !!!
नक्कारखाने में सब शातिर खिलाडी है l

Monday, October 20, 2014

At Bhasanda today, a village under the Lohia Village Development Scheme....

20 अक्तूबर ,विजिट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव , उत्तर प्रदेश 

तीसरी और चौथी कक्षा के बच्चे न गिनती सुना पाए , न ककहरा l 
मोहनलाल गंज के लोहिया ग्राम भसंडा में गत दिवस 20 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जाना हुआ अचानक ही l 
उन्होंने जब शिक्षिका से ये पूछा कि वेतन कितना पाती है तो वे तपाक से बोली 29 हजार l 
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन है 29 हजार और बच्चो को गिनती तक नही आती !!!
चलो अच्छा है सीएम साहेब आपको प्रदेश की नमक हराम प्राथमिक स्कूल में रोज  जमा हो रही नई भीड़ , पर्दा नसीन शिक्षिकाओ की सच्ची बात तो पता चली l 



सोचिये जब ये आलम आपके राजधानी के समीप है तो हम बुंदेलखंड के बीहड़ो में चलने वाली प्राथमिक पाठशालाओ का क्या हाल होगा जहाँ प्राथमिक अध्यापक साल भर नाच - गाना सिखलाता शहरो के डांस क्लब में l और अध्यापिकाए पतियों के सहारे अपनी नौकरी बजाती है l हो सकता है मेरे लिखे शब्द किसी अध्यापक को तीखे लगे मगर मुझे ये लिखने में तनिक भी मलाल नही क्योकि आपको अपने कर्तव्यों से परहेज है कभी अपने बच्चो की नजर से प्राथमिक स्कूल के और बच्चो को भी देखना तो देश की आने वाली दुर्गति का अहसास हो जायेगा l
हाल ये भी है कि हमारे यहाँ कुछ प्राथमिक अध्यापको का रैकेट बेसिक शिक्षा अधिकारी को सब कुछ मुहैया कराता है ( स्कूल न जाने की शर्त पर तीन हजार रुपया मासिक / बिस्तर की गर्मी ) क्या करेंगे मुख्यमंत्री जी जब हमारी मानसिकता ही भ्रस्त और अनैतिक हो चुकी है l हाँ यहाँ अपवाद की बात नही कर रहा हूँ बाकि नई पीढ़ी का पतन करने में ये शिक्षक कमतर नही है l