Tuesday, February 03, 2015

केन नदी कि वनभूमि में कानून हो गया फेल l

बुंदेलखंड / बाँदा / हमीरपुर ( बक्छा - छेहरांव खदान ) 
कि तस्वीर जारी दिनांक - 31 जनवरी को - 

" देखो भैया चित्रकूट मंडल के आयुक्त ' मुरलीधर दुबे ' का खेल ,
केन नदी कि वनभूमि में कानून हो गया फेल l



बीच नदी कि धार बांधकर, सारस का प्रकृतिवास उजाड़ा !
जरा बताओ किस न्यायालय ने सरकार का क्या उखाड़ा ? "

बाँदा / हमीरपुर - केन नदी को बाँदा और हमीरपुर में वन भूमि में बांधकर ( राज्य पक्षी सारस के आशियाने को मिटाते हुए ) वन संरक्षण अधिनियम 1972 को घुटनों में रखकर ये अवैध बालू की लूट चल रही है. इसमे शामिल है चित्रकूट मंडल के मंडल आयुक्त मुरलीधर दुबे और लोकनिर्माण विभाग का एई अन्य अधिकारी.
मलिम रहे कि इस बालू खदान कि संचालिका राजधानी लखनऊ की एक विधवा महिला श्रीमती नीरजा सिंह पत्नी स्वर्गीय शैलेन्द्र सिंह,गोमती नगर है और खदान चला रहा है उनका गुर्गा ( भाजपा किसान मोर्चा का जिला अध्यक्ष बाँदा विश्वम्भर सिंह उर्फ़ लालू भैया ) खदान में पोकलैंड से लिफ्टर तक चल रहा है. पानी की बीच धार में उतरकर ये मशीने जलचरो को नष्ट कर रही है. खदान को अनापति प्रमाण पत्र नही दिए जाने के लिए बाँदा के पूर्व वन रेंजर टीएन सिंह ने जाँच कर आयुक्त को लिखा था लेकिन पंचम तल के दबाव और सूबे के एक समाजवादी मंत्री सहमती पर ये काम किया गया है ...हैरत है एक महिला खदान संचालिका का भी कलेजा इतना कठोर है कि धन के लालच में उसने जीवन रेखा को ही कैद कर लिया है ! केन नदी को बाँदा और हमीरपुर में एक दर्जन स्थानों पर बंधक बनाया जा चुका है मेरे पूर्व के लेखो में उनकी तस्वीरे दी जा चुकी है .....इसकी कुछ  ही तस्वीर पोस्ट कर रहा हूँ जो आज की ताजा  तस्वीर है बाँदा से आशीष सागर / प्रवास टीम

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