Thursday, December 17, 2015

गाँव की सरकार ग्राम पंचायत खालारी !

#‎गाँवकीसरकार‬ ‪#‎बदलाव‬ ‪#‎राजभैयायादवविद्याधामसमितिबाँदा‬‪#‎परागीलालविद्याधामसमिति‬ ‪#‎कथितसमाजसेवी‬ ‪#‎तीसरीसरकार‬ ‪#‎दोआबानरैनी‬ 
https://youtu.be/2lJhLXh01c4
बाँदा 13 दिसंबर 2015 - ग्रामपंचायत चुनाव के आज मतगणना का दिन था ! अपने लिए भी एक वैचारिक युद्ध में उतरने के बाद उसके परिणाम को सुनने का दिन ! मेरे लिए इस ग्राम पंचायत खालारी,नरैनी का चुनाव इस मायने में महत्वपूर्ण था क्योकि एक निर्दलीय महिला प्रत्याशी सुमनलता पटेल को पूर्व ग्राम प्रधान और प्रत्याशी उनकी पत्नी महिला सीट -(सपा नेता एवं नरैनी विधान सभा अध्यक्ष श्यामशरण पटेल और उनके समर्थक सपा के स्थानीय नेता भरतलाल दिवाकर(बालू माफिया) जिसने हाल ही में जिला पंचायत का सदस्य चुनाव बूथ में विपक्षी खेमे को कमजोर पाकर खाकी के दम जीता नही लेकिन जीत का प्रमाण पत्र हासिल किया ! साथ ही सपा से राज्य सभा सांसद विशम्भर निषाद को मात देकर जीत दिलाना था...! 
बात यही नही रूकती ये सुमनलता पटेल उस प्राथमिक अध्यापक यशवंत पटेल की अर्धांग्नी है जिसने दोआबा क्षेत्र के गाँव मोहनपुर- खालारी में एक बहरूपिया समाजसेवी को जन्म दिया था अपने बाबा की भूलवश और विस्वास के वहम में आकर ! अपनी खेतिहर 6 बिस्वा से ऊपर ज़मीन में एक स्कूल खुलवाए जाने के नाम पर इस परिवार को बाँदा के समाजसेवी गिद्धों ने परागीलाल विद्या धाम समिति खुलवाई ! जो आज विद्या धाम समिति बन चुकी है ! (गोपाल भाई / राजाभैया यादव समूह)...यशवंत पटेल के बाबा के देहवसान के बाद समिति से परागीलाल का नाम अलग कर दिया गया और समाजसेवियों की कैबनेट ने छल करते हुए किसान परिवार की खेतिहर ज़मीन पर जबरिया कब्ज़ा किया धोखे से रजिस्ट्री करवाकर ! जिले के बाहुबली एनजीओ कर्ताधर्ता एक साथ हुए और इस अध्यापक पर दुराचार से लेकर डकैती तक सारे मुकदमे हौसले को रौदने के लिए दर्ज करवाए गए ! ...बाँदा की ग्राम पंचायत हाडाहाँ कबौली में पढाने वाला ये अध्यापक आज पूर्व दबंग ग्राम पधान को पटखनी देकर अपनी पत्नी सुमनलता को प्रधान निर्वाचित करवाया है ! पूर्व ग्राम प्रधान श्यामशरण पटेल ने भी इसका विरोध करते हुए इस पर मिथ्या डकैती दर्ज करवाई क्योकि इसने सपा के राज्य सभा सांसद विशम्भर निषाद पर खलारी की गुड़िया निषाद द्वारा सामूहिक दुराचार के आरोप में पीडिता का साथ दिया ! उस डकैती केस में पीडिता गुड़िया के पिता को भी आरोपी बनाया गया था लेकिन गांववालों ने अध्यापक यशवंत पटेल का साथ दिया जिससे वो बच सका ! गौरतलब है वो मुकदमा आज भी विचाराधीन है जिसमे सपा सांसद ने खाकी को खरीदकर अपना नाम दुराचार केस से अलग करा लिया ! जबकि पीडिता गुड़िया आज भी गाँव में आसरे की गुहार लगाती है ! पिछले कई साल से परिवार सहित छद्म समाजसेवी और दबंगों से सताया हुआ सुमनलता का पति हाल में जिला पंचायत चुनाव लड़ा जिसमे वो बसपा के प्रत्याशी से 313 मत से पराजित हुआ ! गाँव गाजीपुर के लोगो ने प्रधानी चुनाव में खुद सुमनलता का प्रस्ताव किया चुनाव लड़ने को और खुद प्रचार किया ! 
आज परिणाम सामने है कि तमाम संघर्षो को पराजित करके सुमनलता गाँव की प्रधान निर्वाचित हुई है ! तब जब पूर्व प्रधान ने अंतिम समय तक उसको जीत का प्रमाण पत्र न मिले इसकी पुरजोर ताकत लगाईं है ! मै मतगणना में खुद उपस्थित था , ये गाँव की सरकार है ! अब अगले 5 साल में एक नया अध्याय लिखना है ! हर साल गरीब किसानो की बेटियों का ब्याह करवाने वाला ,गरीब के साथ खड़ा ये अध्यापक दिलदार नही दान का देनदार है ! पुरे गाँव की कन्या और ग्रामीणों का आशीष लेने के बाद आज ये देखकर गाँव की सरकार खुश है ! ...आशा करते है बदलाव होगा !


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