Thursday, August 13, 2015

झोलाछाप डाक्टर की मौज है बुंदेलखंड में सरकारी अस्पताल की फौज है मगर .....?

सभी तस्वीरे बाँदा जिले से लाइव जारी ...





' भून कर खाओ,उबाल कर खाओ,या पका कर खाओ,जैसे चाहो वैसे खाओ।राजनीति के लिए वोट हूँ,व्यापार के लिए नोट हूँ,भूखों के लिए रोटी हूँ,अपनों के लिए बोझ हूँ,बस धरती का ही पूत हूँ !बताओ तो मैं कौन हूँ ?....'' कटाक्ष कविता - .साभार सिनीवली शर्मा


बाँदा 13 अगस्त जारी - 


' ' टाट पट्टी में चलता है नर्सिंग होम और मदमस्त है ड्रग अधिकारी बाँदा '' !

यह तस्वीर हमारे बाँदा जिले के उस इलाके की है जहाँ सर्वाधिक झोलाछाप डाक्टर माफिया की तर्ज पर प्रेक्टिस करता है.जिनके पास कोई वैधानिक डिग्री नही होती.जिनके पद अधिकृत फार्मेसिस्ट और नर्से नही होती और जिनके पास बुनयादी अस्पताल की सुविधा नही होती....आपरेशन से गर्भपात तक सब होता है .. ये पेशा चलता है और धड़ल्ले से चलता है क्योकि जिले के आला अधिकारी से लेकर डीआई / ड्रग इंस्पेक्टर तक तयशुदा कमीशन समय से पहुँचता है....बिसंडा कसबे ,बाँदा की ये तस्वीर बानगी में है बाकि इन्ही डाक्टरों की बाढ़ को और तबियत से देखना हो तो आये बाँदा,चित्रकूट,महोबा,हमीरपुर जहाँ रोज सजती है इनकी दुकाने.इनमे होता है ग्रामीण का आर्थिक शोषण ( पर्चा दस रूपये का बनता है तस्वीर वाले डाक्टर साहेब का राजकारण कुशवाहा,बिसंडा,बाँदा बाकि की फीस 150 से तीन सौ रूपये है बाकि दवा में डाका अलग से पड़ता है ) ....ज़मीन पर सजता है नर्सिग अस्पताल का बेड कही कही सामान्य व्यवस्था भी है.....ड्रग अधिकारी कहते है आप बतलाये कार्यवाही कहाँ करना है ! हाल ये है कि एक मेडिकल स्टोर का फार्मेसिस्ट कई - कई जगह सेवा देता है ... सीएमओ कैप्टन एके सिंह कहते है ' जहाँ विकास होगा वहां भ्रस्टाचार होगा ' !....ये जो कुछ भी है वो इसलिए क्योकि सामुदायिक पीएससी / सीएचसी में समय से डाक्टर नही पहुँचता है.जो तैनात है वो निजी नर्सिंग होम शहर में चला रहा है ( मसलन डाक्टर एमसी. पाल,महुआ विकासखंड जिन पर रिसौरा ग्राम पंचायत की एएनएम मुन्नी गुप्ता ने वीडियो बयानी से दस % कमीशन का आरोप लगाया है ! इसकी जाँच बाँदा अपर सीएमओ और एनआरएचएम डीपीएम कुशल यादव को दी गई है दो हफ्ते पहले अभी तक चुप है )...ये झोला छाप डाक्टर बाँदा के हर मुहल्ले में तैनात है.क्या मूलचंदानी ,क्या रामौतार और क्या डाक्टर रमेश ....इनकी स्थानिय कलमकार से सांठ - गाँठ है क्योकि कुछ पत्रकार एमआर भी है जो बाकायदा अपनी दवा और सेम्पल तक इन्हे ही बेचते है....ये बात आँखों देखी लिख रहा हूँ.
अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कहे या देश के प्रधानमंत्री की उन्हें इस भारत की जानकारी नही है तो ये भोड़ा मजाक नही तो और क्या होगा तब जब आप देश को और गाँव को विकास के उच्च सोपान में ले जाने के चुगलाई दावे करते हो ! ....आप हिंदुस्तान को डिजिटल इंडिया बना देने की कवायद में लैपटाप और सेनेटरी पैड तक राज्यों में बटवा रहे हो भले ही उनमे भी कोई घोटाला तैयार हो रहा हो !....सरकारी दवाओ और अन्य की तो बात ही क्या है ? ....बढेगा देश और सुधरेगा भारत मानता हूँ मगर कब ये तिथि बतलाये ? कोढ़ हमारे नियति में है ....

Sunday, August 09, 2015

' बुंदेलखंड में शिक्षा का अधिकार '


7 अगस्त की रिपोर्ट 10 को  जारी - 

' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम माननीय नरेंद्र मोदी ! - सत्येन्द्र-छात्र कक्षा 3 ' 


चित्रकूट मंडल के जिला बाँदा की नरैनी तहशील के फतेहगंज इलाके में खुला ये निजी पूर्व माध्यमिक स्कूल देखे ! गत 5 अगस्त को गाँव कल्यानपुर,फतेहगंज में मौके पर जाकर की गई पड़ताल की सीडी वीडियो मैंने बीते गुरुवार को बाँदा डीआईओएस को दी है...सीडी जल्द ही यू-tube में जारी होगी....यह एक निजी राममिलन पूर्व माध्यमिक स्कूल,ग्राम कल्यानपुर,फतेहगंज में चल रहा है...कक्षा 8 तक की मान्यता है इसको प्राप्त है लेकिन यह निजी स्कूल कक्षा 10,11,12 की क्लास का भी संचालन करता है.इन छात्राओ को यह स्कूल बघेलाबारी-फतेहगंज के निजी पंचमुखी इंटर कालेज और बदौसा के दीनानाथ बालिका इंटर कालेज से सम्बद्ध किये है. इस स्कूल के प्रधानाचार्य शातिर रामे


न्द्र सिंह पर हाल ही में डीआईओएस बाँदा ने कार्यवाही करते हुए रूपये 25 हजार का अर्थदंड किया था.जिसको प्रधानाचार्य ने जुर्माने के रूप में भरा है.बावजूद इसके स्कूल समय पर कोचिंग की आड़ में कक्षा 10,11 और 12 की क्लास का संचालन किया जा रहा है.साथ ही कक्षा 8 तक के बच्चो की प्राथमिक स्कूल शिक्षा का निम्न स्तर है.'' कक्षा तीन के बच्चे सत्येन्द्र को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम नही मालूम है,क्लास में बच्चे और आवारा कुत्ता एक साथ बैठेते है.यहाँ तक की प्रदेश के राज्यपाल को ये बच्चे नही जानते है.इनके अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी है ( वर्तमान प्रधानमंत्री ) ! '' बिना मान्यता के करीब 200 छात्राओ का अवैध प्रवेश पंचमुखी इंटर कालेजऔर दीनानाथ बालिका एनत्र कालेज में करके यह शिक्षा का गोरख धंधा चला रहा है... यहाँ पढने वाली छात्राओ का तर्क है कि हमारा कालेज बहुत दुरी पर है इसलिए यहाँ कोचिंग पढ़ते है ! अगर ऐसा है तो कालेज में कौन जाता है ? जब एक ही समय पर ये कोचिंग और वहां कालेज चलता हो ! जबकि जिला प्रसाशन के निर्देश है कि स्कूल के समय कोचिंग नही चलेगी !....कोचिंग भी ये ऐसी है जहाँ जर्जर कमरे में / शटरदार दुकान पर चलता है उजाले का व्यापार !....चित्रकूट मंडल के हर गली - कस्बो में फैले है ये शिक्षा माफिया और शिक्षा के छोटे दुकानदार मगर जुगाड़ के देश में सब चलता है !....मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कैसे और कब बदलेगी ये व्यवस्था जब आप सालाना करोड़ो फूंकते है शिक्षा के लिए और गैर सरकारी संस्थाए शिक्षा अधिकार / जनपैरवी / भोजन के अधिकार के लाखो के प्रोजेक्ट गर्क करते है.रायबरेली की लोकमित्र संस्था तो सालो से इस पर ही जमी है बकिया का हाल भी गजबे है ! नई पीढ़ी का भविष्य न सुधरा , न सुधरेगा आखिर शिक्षा की दुकानदारी सब पर भारी !

' लाल सोने की लूट में अब आदिवासी भी ! '

बुंदेलखंड / चित्रकूट घटना 9 अगस्त की ---

नदियों का चीरहरण हो या पहाड़ का बलात्कार यहाँ सब कुछ खुलेआम होता है...

अवैध खनन रोकने के लिए गश्त पर निकले वनकर्मियो की टीम के ऊपर शनिवार देर रात कोल आदिवासी लोगो के एक समूह ने जानलेवा हमला किया.ये लोग हाथो में बल्लम,भाले और लाठियां लेकर आये हमलावरों ने वनकर्मियो पर बेखौफ होकर कई वार किये सभी 6 वनकर्मी गंभीर रूप से घायल है.इस घटना के समय वाचर की मौके पर ही मौत हो गई.दो को इलाहाबाद रिफर किया गया है. वन दरोगा गिरधारी लाल यादव,वन दरोगा हरिशंकर निवासी अरई- संत रविदास नगर,वाचर रामस्वरूप सहित अन्य सभी पर ये जानलेवा हमला किया गया है.रात 12 बजे हुए हमले की घटना पहरा वन ब्लाक में व्यास कुण्ड के पास हुई.करीब सौ कोल आदिवासी लोगो ने ये हमला अवैध बालू खनन रोकने के चलते किया.18 नामजद पर मुकदमा दर्ज हुआ है.
गौरतलब है पहरा पहाड़ वन विभाग की बीट - सीमा में आता है.यहाँ आज से दस साल पहले गिट्टी खनन का पट्टा किया जाता था.बाद में विरोध पर ये पट्टे निरस्त हुए जो वनविभाग की सीमा में थे.इसके पास बरुआ नाला है जिसमे भरथौल के समीप बांध से पानी छोड़ा जाता है बारिश में भारी मात्रा में रेत बहकर आती है जिसपर स्थानीय ग्रामीण की नजर रहती है.कोल आदिवासी रात में ये बालू अवैध तरीके से निकालते है.वनकर्मियो ने शिकायत पर जब ये गश्त करने का कदम उठाया तो इस हमले से उनकी जान को खतरा पहुचांने का काम किया गया है.अब इसको ' मंगलराज कहे या जंगलराज अथवा समाजवाद का अन्ना राज पिछली सरकारों का बिगडैल रवैया ये खनन बुंदेलखंड में यूँ ही धड़ल्ले से चलता है.वनविभाग की भूमि हो या निजी खेत में बालू डंप करने का काम / खदान से बालू निकासी बारिश में काम बंद होने के बाद भी खाकी और सत्ता में काबिज सरकार के स्थानीय छुटभैये नेता ये धंधा करवाते है.जिला खनिज अधिकारी बाँदा,चित्रकूट में इनका जमावड़ा देखा जा सकता है.जिनकी कोई औकात नही थी आज वे भी लक्जरी गाडी मेंटेन करके बालू से अपना खर्चा चला रहे है.....! बाँदा में गिरवां -नरैनी की खदान इसकी बानगी है जिसको नरैनी ब्लाक प्रमुख दिनेश मिश्र का संरक्षण प्राप्त है वही बदौसा में बागे नदी से वर्तमान एसो ये काम करवा रहे है.....सिंडिकेट समूह बनाकर कम्पनी के रूप में ये कारोबार करते है.बकिया खच्चर - गधे से जो नंबर एक की बालू निकाली जाती है उसका तो कोई राजस्व और हिसाब ही नही होता है....