Thursday, December 10, 2015

' अन्नदाता की आखत ' - एक शाम किसान के नाम !

Release 10th December 2015.this social event Details 'Charity show for Farmer suicide case in bundelkhand region UP-MP.' This event name ''Anndata Ki Aakht '' so please accept this invitation well-come Banda 20.12.2015.

Espousal celebration on December 20.12.2015. Event place Mangalam marriage House in district Banda,UP,India.@ time event  three o'clock on Sunday evening. show will be held the first Farmers Charity getting bundelkhand farmer suicides family. this event Participate Nepal actress- artist Royal Kalpna,Yangshu Shrestha and additional state Mp theatrical Indrwati Committee.  team Neeraj Kunder, Nataraj Rural walls band banda and local  artist will attend the ACD studio.
In this campaign dialogue between Sudhir Jain (crime scribe / East jansatta journalist, blogger NDTV) Delhi, Piyush Bbele (India Today Magazine ( special correspondent India), Atul Agarwal (electronic media),Arindam Ghosh (Times of India,Jhansi),  Zeeshan Akhtar (Dainik Bhaskar News Portal Bundelkhand Bureau),Santosh Pathak News paper Jan-Jan Jagran,patron legislator MLA Daljit Singh / Dalpat Singh,senior local officials will be present. I Hop u participate My farmer charity show with Regards i sand this mail accept the invitation.
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बुंदेलखंड के उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में लगातार हो रही किसान आत्महत्या और सदमे की मौतों के उबस में एक पहल है ये ! यह देश का प्रथम किसान चेरटी शो है जो पुर्णतः किसान आत्महत्या से पीड़ित परिवारों और उनकी सयानी बेटियों के पुनर्वास को समर्पित होगा.आयोजन के माध्यम से एकत्र हुई धनराशी समाज और राज के सामने सार्वजनिक करते हुए आहत परिवारों को सीधे प्रदान की जाएगी !




' अन्नदाता की आखत ' - एक शाम किसान के नाम ! 
आगामी 20 दिसंबर को बाँदा में मंगलम परिणय  उत्सव,दिन रविवार को शाम तीन बजे से देश का पहला किसान चेरटी शो का आयोजन किया जा रहा है.बुंदेलखंड में हो रही किसान आत्महत्या की कड़ी में ये एक समाधान तो नही प्रयास मात्र है.गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में नेपाल की अभिनेत्री रायल कल्पना,यांग्शू श्रेष्ठ शामिल हो रही है.इनके अतिरिक्त मध्यप्रदेश के सीधी से इंद्रवती नाट्य समिति (रंगमंच कलाकार ) टीम नीरज कुंडेर,नटराज रूरल दीवारी बैंड बाँदा,एसीडी स्टूडियो बाँदा के कलाकार शिरकत करेंगे.
इस मुहीम में संवाद के मध्य कार्यक्रम अध्यक्षता सुधीर जैन (अपराध शास्त्री / पूर्व जनसत्ता पत्रकार,एनडीटीवी ब्लॉगर)दिल्ली,मुख्य वक्ता पियूष बबेले (इंडिया टुडे विशेष संवादाता) / अतुल अग्रवाल (इलेक्ट्रानिक मीडिया) अतिथि दीर्घा में अरिंदम घोष (टाइम्स आफ इंडिया,झाँसी),संतोष पाठक (जन -जन जागरण / इंडिया टुडे झाँसी संवाददाता ),जीशान अख्तर (दैनिक भास्कर समाचार पत्र पोर्टल बुन्देलखण्ड ब्यूरो चीफ ),संरक्षक विधायक दलजीत सिंह / दलपत सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहित  स्थानीय प्रसाशनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे. ...सादर आप आमंत्रण स्वीकार करे....समस्त बाँदा वासी आपकी प्रतीक्षा में !

Wednesday, December 09, 2015

मिटटी का लाल मिटटी में मिला !

यहाँ पढ़े -

http://badalav.com/?p=2470
बाँदा ( गौरीकला)जसपुरा @ घटना 5 दिसंबर 2015 -
ताबड़ - तोड़ किसान की सदमे . आत्महत्या ,गरीबी और आधे पेट रोटी खाकर अपने खेत की सूखी मिटटी को नम करने की जद्दोजहद में आज एक और अन्नदाता ने अपने ही खेत में दोपहर 12 बजे दम तोड़ दिया ! जीवन की आपा--धापी से मुक्त हुआ ये बाँदा जिले का युवा चालीस वर्षीय किसान गौरीकला गाँव के जसपुरा क्षेत्र का रहवासी था ! 
देश की आजादी के आधी शताब्दी में एक माकूल जनसख्या नीति न होने से उबा ये किसान भी हम दो हमारे दो की एलओसी पारकर तीन बेटों और पांच बेटियों का पिता था ! 
उसे गुमान रहा होगा कि आठ गरीब संतानों को पैदा करके मै इस लुटे - पिटे मुल्क में एक सुनहरा सबेरा दूंगा ! ...मगर नियति की मार और बुंदेलखंड के सूखे में मचे किसान आत्महत्या ,सदमे की मौतों में वो भी शामिल हो गया ! तिंदवारी विधान सभा से ये किसान मतदाता की लाश आज इतनी लचार थी कि गाँव का दबंग - चटरी माफिया ग्राम प्रधान दिनेश गुप्ता उर्द साधू गुप्ता उसको देखने भी न आया खबर लिखे जाने तक ! सूत्र कहते है कि अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में विकास का एक पत्थर न लगवा पाने वाला ये प्रधान अपना ही घर भरता रहा है ! इसने अपने चटरी की तस्करी का जाल नेपाल तक फैला रखा है और अफसरों को उनकी कीमत देकर चुप कराता है ! ...मृतक किसान राममिलन वर्मा पुत्र सुखदेव वर्मा के पास मनारेगा कार्ड होने के बाद भी उसको रोजगार नही मिला था ! ...बतलाते चले कि गाँव के बिखरते ताने - बाने के बीच उलझी इस किसान की सांसे भी परवारिक रिश्तो की टूटन में नितांत मुफलिसी की शिकार हो गई है ! पिता ने बीस बीघा खेती की जमीन में एक बिस्वा भी इसको नही दी थी ! ये बुंदेलखंड के गाँवो की क्रूर परंपरा है कि जिंदा रहते पिता अपने बेटों को अपने सामने मजदूरी करवाते है ! उन्हें कृषि की हिस्सेदारी नही देते ये भुलाकर कि ब्याह के बाद बढ़ता हुआ परिवार क्या खायेगा ? ...मृतक किसान के नाम एक भी ज़मीन नही है ! ये खेतिहर मजदूर आधे / बटाई में खेती लेकर परिवार को पालता रहा है ! ...किसान क्रेडिट कार्ड से महरूम ये मजदुर किसान बुनयादी साधन से बेदखल था ! ...आज उसके आठ मासूम बच्चो को बिलखता देख के मुझे अदम गोंडवी का वो लफ्ज याद आया कि '' तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आकडे झूठे है - ये दावा किताबी है '' !
इस मृतक अन्नदाता को आगामी बीस दिसंबर को ' अन्नदाता की आखत ' चेरटी शो में हम सब यथा संभव मदद देने का संकल्प करते है ! लेकिन हमारे हुक्मरान कब जागोगे देखो ये किसान की लाश तुम्हारे कुर्ते के गुलबंद और महकते मलमली बिस्तर पर कोढ़ है ! माना कि तुम लोकसेवक हो मगर हम आज भी गुलाम ही रह गए !...लाल फीताशाही में ये मौतों की हरियाली बुंदेलखंड को वीरान कर देगी ! - आशीष सागर,बाँदा 

' बुंदेलखंड के सूखे में बोला अलीगंज ' !

‪#‎नसीमुद्दीनसिद्दकी‬



' बुंदेलखंड के सूखे में बोला अलीगंज ' !
बाँदा 8 दिसंबर- नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद् उत्तर प्रदेश और पूर्व कैबनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी ने बुंदेलखंड के सूखे पर सियासत गर्म कर दी ! वे भी योगेन्द्र यादव के सुर में सुर मिलाकर ' जेड प्लस ' सट्टन चौराहा,अलीगंज कोठी से मीडिया के समक्ष बोले कि बुंदेलखंड में सूखा नही अकाल है ! यहाँ किसान घास की रोटी खा रहा है ! मेरे भाई रफीकुद्दीन सिद्दकी को 11 एकड़ जमीन पर 1500 रूपये मुआवजा मिला ! लेकिन बुंदेलखंड में कौन घास की रोटी खा रहा है उस परिवार का नाम वे भी नही बतला पाए ! जाहिर है केंद्र और समाजवादी सरकार पर तंज कसना है ! ...सत्ता के इस बुन्देली सूरमा से बस एक सवाल है कि अगर बुंदेलखंड में सूखा नही अकाल है तो आप अभी तक बुन्देली किसानो के साथ घास क्यों नही खाए ? कांग्रेस की सरकार में आये विशेष बुंदेलखंड पॅकेज के किसान ट्रैक्टर आपने अपने भाई- भतीजो को क्यों दिलवा दिए (लिस्ट मेरे पास है ) ? आपके पैतृक निवास शेरपुर श्योढा,गिरवा,बाँदा में जिस परिवार के पास विरासत में कोई ज़मीन नही थी आज बसपा से सपा तक की राजनीती में वो 500 करोड़ से ऊपर का चल - अचल सम्पति का मालिक कैसे हो गया ? किसानों की बाँदा मेडिकल कालेज मार्ग में सैकड़ो बीघा कृषि ज़मीन आपके खानदान को कैसे लिखवा दी स्थानीय बलदेव वर्मा कानूनगो ने ? साथ ही इस अकालखंड में आप मेडिकल कालेज मार्ग में आय से अधिक सम्पति से जुटाई गई खेतिहर ज़मीन में मुख्यमंत्री की तर्ज पर आलीशान कोठी ( वाच टावर सहित ) फार्म हाउस सहित कैसे बनवा रहे है ? वो भी अपनी ही निधि से धन निकालकर अपने ही भवन के सामने नाला बनवा कर जिसका उपभोग आपने ही करना है !...दो- चार महीनो में बाँदा आकर पीत पत्रकारिता के समक्ष प्रेस वार्ता करके घडियाली आंसू बहाने से क्या ये बुन्देली किसान खुशहाल हो जायेगा ? नेता जी जाइए कहिये अपने खानदान से कि बेहिसाब कमाई दौलत से कुछ आखत निकालकर आत्महत्या कर रहे किसानो को दे ताकि वो कथित घास का निवाला छोड़कर नमक रोटी खा सके ! हो सके तो अपनी बे -इंतहा सम्पति जिसको समाजवादी मुखिया सरकारी घोषित न करवा सके लोकायुक्त / ईडी / विजलेंस जाँच के बाद भी में से एक हिस्सा बुंदेलखंड के अनाथ बच्चो के नाम करे ! ...ये बुन्देली सूखा आज एक साल की कहानी नही है बल्कि ये उन पूर्व बसपा,सपा सरकारों में किये गए नदी- पहाड़ के बेशुमार खनन की आग है जिसमे आज किसान जल रहा है !बुंदेलखंड में घास की रोटी नहीं...!
सहरिया जनजाति और अन्य आदिवासी जनजातियां जंगल में पैदा होने वाली एक तरह की भाजी या जंगली घास जिसे जुई,सीकरा, पसई, भान्द् ,आदि कहते हैं । यहाँ के अन्य मोटे आनाजों में कठिया,कुटकी,कोंदो है ! सूखे के हालातों के अलावा बदहाली के चलते ये इस तरह की भाजी खाते हैं जिसे जंगली घास भी कहते हैं । बुंदेलखंड पॅकेज खाने के बाद भी डकार नहीं ली इन अधिकारियो और नेताओ ने, जिसके चलते अब इनके हालात और भी बद्दतर हो गये हैं । योगेन्द्र यादव के शताब्दी सर्वे ,खबरिया मीडिया ट्रायल ने बुन्देली गरीबी का मात्र मजाक बना दिया है ! बुन्देली घास की रोटी खा रहे लेकिन वे कौन से गाँव और परिवार है जरा इसकी भी एक सूचि सार्वजनिक करने की हिमाकत की जाए !...खबरों के बेचते इलेक्ट्रानिक चैनल हमारे अन्नदाता का ,उसकी मुफलिसी का अपने पेशे के लिए तमाशा बना रहे है !....किसान संघठनो से अपील इस छद्म अभियान का विरोध करे ! हम घास की रोटी खा रहे है तो आप अपनी नामी - बेनामी सम्पति का नेताओं समेत बुन्देली आवाम को दान क्यों नही कर देते है ? आपको भी शर्म आनी चाहिए कि देश को क्योटो बना देने वाले प्रधानमंत्री के सपने के बीच बुन्देली किसान का यह घिनौना हाल आप सब कर रहे है !
तस्वीर- में महोबा के कबरई इलाके के गहरा गाँव की तस्वीर ! - आशीष सागर,बाँदा