Tuesday, February 09, 2016

9 फरवरी  report - 

' बाबूसिंह का रिहाई जलसा ' ! 

काजू भुने प्लेट में,विश्ह्की गिलास में, 
उतरा है रामराज्य विधायक निवास में !
पक्के समाजवादी है तस्कर हो या डकैत,
इतना असर है खादी के उजले लिबास में ! ' 
अदम गोंडवी के यह अल्फाज सुनाने का मन है आज ! अब यह न पूछियेगा कि बात का है ! जो है वो ऐसा जुलाब है कि बिना लिए पेट साफ़ हो जायेगा दर्शन मात्र से ! 
उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ी ! गत 5 फरवरी को एनआरएचएम घोटाले के मुख्य सूत्रधार और पूर्व स्वास्थ्य एवम खनिज मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा डासना जेल से जमानत पर रिहा हुए ! अपनी चार साल की आरामतलबी कैद से आजाद हुए बाबूसिंह कुशवाहा बुंदेलखंड की पिछड़ी जाति का वोट बैंक साधते है ! पहले बसपा फिर सपा और भाजपा तक गलबहिया कर चुके ये नेता जी देखिये आगामी विधान सभा चुनाव में किस पलटी जाते है ! लेकिन सवाल यह है कि इनको जमानत देते समय सीबीआई कोर्ट ने यह नही पूछा कि ये दो करोड़ रूपये जमानत का मुचलका आपने भरा है उसका धन कहाँ से आया है, उनके स्रोत क्या थे ? बाबूसिंह के सगे भाई शिवशरण कुशवाहा ने राजधानी लखनऊ में एक होर्डिंग लगवाई है जिसमे लिखा है '' माननीय बाबूसिंह के जेल से रिहा होने पर हार्दिक अभिंन्दन ''  प्रदेश में और देश में बनी वैध - अवैध काली सम्पति,चल रहे शिक्षण संस्थानों का देक्ग - रेख यही भाई करता है ! बुंदेलखंड के बाँदा में श्रीनाथ बिहार आवासीय कालोनी से लेकर तथागत कालेज,इंटर कालेज तक सब शिवशरण के जिम्मे है ! ...जबकि खुद को राजनीतिक कारणों से इस घोटाले में खीचनें का दावा करने वाले बाबूसिंह कभी एलआईसी की एजेंट और लकड़ी की टाल चलाते थे !...मगर बुंदेलखंड की खनिज सम्पदा और स्वास्थ्य के रूपये की उगाही / जनसन्देश समाचार पत्र की मिलकियत के रस्ते मायावती को सरकारी नौकरी में भंडारण करवाने का जिम्मा इनके ही पास था जो बाद में नसीमुद्दीन सिद्दकी के पास आया !...नसीम और बाबूसिंह कुशवाहा के वर्चस्व की लड़ाई में बुंदेलखंड लूट लिया गया जिसमे बुंदेलखंड पॅकेज भी शामिल है ! किसानों के ट्रैक्टर ये ही खाए है ! ...इनके छूटने पर ओबीसी वोटर में उत्साह है पर वे यह जानकर अंधे है कि यह सियासी डकैत है लोकसेवक नही ! अरबों का साम्राज्य है इन्ही दो नेता के पास ! 

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