Monday, March 14, 2016

समाजवाद की यादव सरकार में आशीष सागर खतरे में !

दुराचार पीड़िता का साथ दिया तो सूचनाधिकार कार्यकर्ता पर लिखवा दिया उल्टा रेप का मुकदमा !
51 साल की अधेड़ महिला तीन बच्चो की माँ है,जो सीमा के आरोपी राजा भैया यादव की  शागिर्द है !

15 मार्च जारी- बाँदा के चर्चित सीमा विश्वकर्मा दुराचार केस में आरोपी राजा भैया यादव ने मुझे टार्गेट किया है !
नोट - ''नीचे दिए गए पत्र की हार्ड कापी 14 मार्च कोलखनऊ में माननीय एडीजी दलजीत सिंह से मिलकर दी,राजपाल भवन में रिसीव कराई,मुख्यमंत्री को स्पीड पोस्ट की है.साथ ही वाया मेल चीफ जस्टिस आफ इंडिया, प्रधानमंत्री,राज्यपाल,महिला आयोग,बाँदा डीएम,मानवाधिकार आयोग की गई है.''
महोदय,
आपको सादर अवगत करवाना है कि उपरोक्त विषय का संज्ञान लेवे. दुराचार पीड़िता सीमा विश्वकर्मा के 161 और 164 के कलम बंद बयान कोर्ट में हो चुके है.साथ ही आरोपी का अरेस्ट स्टे भी माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद की डबल बेंच से ख़ारिज हो चुका है(प्रति संलग्न है ). लेकिन आरोपी राजा भैया यादव संस्था संचालक विद्याधाम समिति,अतर्रा अभी तक आईओ अतर्रा श्री राकेश पाण्डेय की पकड़ से बाहर है. स्थानीय प्रसाशन की सरपरस्ती में '' यादव जाति '' का होने का पूरा लाभ अभियुक्त को मिल रहा है.
उल्लेखनीय यह है कि बाँदा के समाज सेवी और सूचना अधिकार एक्टिविस्ट / भारतीय किसान यूनियन(भानु ) के बुंदेलखंड प्रवक्ता आशीष सागर दीक्षित पीड़िता सीमा विश्वकर्मा (बिन पिता के बेटी ) की पैरवी कर रहे है.यह बिटिया अपने गरीब परिवार की एकमात्र सहारा है,बूढी बीमार माँ और दो छोटे भाई की परवरिश भी इसके ऊपर है. आरोपी ने उच्च न्यायलय के अरेस्ट स्टे से आहत होकर पीड़िता के पैरोकार आशीष सागर दीक्षित पुत्र श्री पदम् नारायण दीक्षित,निवासी बाँदा पर 51 साल की बुजुर्ग हरिजन महिला को अस्त्र बनाकर मेरे ऊपर 11 मार्च की रात की फर्जी घटना दिखलाकर दुराचार करने का आरोप व साजिश की है.मेरे साथ एक अज्ञात भी दिखलाया है.यह महिला बाँदा के नरैनी तहसील के बाबुपुरवा की गुडिया है जिसने पहले भी चार लोगो पर गैंग रेप का मुकदमा दर्ज करवाया है.अपने पति को मारने वाली यह महिला राजा भैया के महिला विंग के चिंगारी की ब्लाक संयोजिका भी है. जबकि 11 मार्च की सुबह मैंने बाँदा एसपी को पीड़िता सीमा के साथ अपनी सुरक्षा,हत्या कराने के संदेह और झूठे मुक़दमे में उलझाने का प्रार्थना पात्र दिया है और रात में यह साजिश रच दी गई है ! आरोपी ने पीड़िता की माँ पतिया, उसको आये दिन धमकाकर समझौता करने की हिदायत दी है नही तो गाँव में नही रह पाओगे यह फ़तवा जारी किया है.सीमा का गत एक साल से बंधुआ कर्मचारी बनाकर राजा भैया यादव ने अपने अतर्रा के गर्गन पुरवा स्थित फार्म हाउस में यौन शोषण,कपडे साफ करवाना,बाथरूम सफाई जैसे काम करवाए है.जब इसने पीड़िता को दूसरो के सामने परोसना प्रारंभ किया तब सीमा की बगावत सामने आ गई.







रते हुए पीडिता का साथ देने के चलते बाँदा के स्थानीय पुलिस / प्रसाशन की सरपरस्ती में बसपा के नेताओं मुमताज अली ( नसीमुद्दीन सिद्दकी के साले),मुहम्मद इदरीश,बाबू सिंह कुशवाहा के एक करीबी और स्थानीय सपा नेता की जुगलबंदी में देर रात 9 बजे के बाद 51 साल की पेशेवर हरिजन महिला से दुराचार के साथ आईपीसी की धारा 376,452,506 में फर्जी मुकदमा लिखा है.जबकि मै गत 14 मार्च को लखनऊ में एडीजी ला दलजीत सिंह,राज्यपाल भवन,मुख्यमंत्री को अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगा रहा था. वही बाँदा में नरैनी के दो सैकड़ा ग्रामीणों ने मंडल आयुक्त को तहसील दिवस में पत्र दिया है, स्थानीय शहर के नागरिक सहित मेरे माता - पिता बाँदा एसपी,डीएम को ज्ञापन पत्र दिए तहसील दिवस में. उल्लेखनीय है यह महिला पूर्व में चार लोगो पर भी रेप और छेड़खानी /एसीएसटी एक्ट में मुकदमा लिखवा चुकी है.रुपया लेकर कथित बलात्कार का आरोप लगाना और सीमा केस के अभियुक्त राजा भैया यादव का मोहरा यह महिला बाबुपुरवा गाँव,करतल की अधेड़ तीन बच्चो की माँ भी है.इसके मेरी उमर के बच्चे है...साथियों और मित्रो यह लड़ाई अब सियासी बिसात में सपा और बसपा के स्थानीय नेताओ ने आरोपी राजा भैया यादव को हथियार बनाकर अभी तक आजाद रखते हुए मुझे ख़तम करने के लिए रची है.इसमे पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी के करीबी लोग भी शामिल है. इसके पहले भी मेरे ऊपर इनके माध्यम से जस्टिस मेहरोत्रा की जाँच के बाद सीबीआई / ईडी के मुक़दमे नसीम जी पर लिखने के बाद मुमताज अली ने बाँदा में डकैती कोर्ट में एक करोड़ का मानहानि का मुकदमा लिखवाया था जो ख़ारिज हुआ था.रह - रहकर मुझे टारगेट किया जा रहा है.आर्थिक साधनों से कमजोर आदमी ने जब बिना बाप की बिटिया का साथ दिया तो इन्ही नेताओ ने अपराधी को संरक्षण देकर मुझे यह उपहार दिया है......ध्यान रहे यह वही राजा भैया यादव है जिसने बुंदेलखंड में कथित घास की रोटी खिलाई थी.
श्रीमान जी एक तरफ आरोपी का अभी तक गिरफ्तार न होना और दूसरी तरफ मददगारों पर झूठे मुकदमे लिखवाकर मानसिक,आर्थिक और सामाजिक शोषण करना कहाँ का न्याय सांगत है ?
गरीब पीडिता और इंसानियत की रक्षा करे,इसके पूर्व भी सीमा ने माननीय राज्यपाल,मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री और महिला आयोग तक गुहार की है मगर निराशा हाथ है.कही हम सब असहाय लोगो को एक साथ आत्महत्या न करनी पड़े.
सादर सूचनार्थ प्रेषित
(आशीष सागर दीक्षित )
वनविभाग कार्यालय के पास,
सिविल लाइन,बाँदा – 210001
Mobile - 09621287464

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