Monday, May 02, 2016

चित्रकूट के कोल आदिवासी नाले से नहा रहे !

2 मई 2016-

' देवांगना घाटी के आदिवासी नाले में नहाने को बेबस ' !!!

चित्रकूट की तपोभूमि और अघोर वनसंपदा,झरने,पैश्वनी / मंदाकनी नदी की अविरलता में स्नान करने वाले कोल आदिवासी अबकि साल नाले में नहा रहे है ! गत दिवस राज्यसभा पत्रकार श्री अरबिंद कुमार सिंह जी के साथ जब देवांगना घाटी में पहुंचा तो स्थानीय प्रसाशन के दावों में पलीता इस तस्वीर ने लगा दिया ! बीहड़ में 
लुटे- पिटे जंगल के बीच पानी को खोजते गाय और अन्य पशुओं के हाल दुखद है ! वही मानव सृजित सूखे की त्रासदी के मध्य ये वनवासी चटियल बुंदेलखंड में दूर तक फैली खेतों की वीरानी पर गंदे नाले में नहा रहा था ! 
                                                               
                                          
इसने हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद हरदोई नरेश अग्रवाल के उस बयान पर भी कोफ़्त किया जिसमे उन्होंने संसद चर्चा के समय माननीय सांसदों के वेतन - भत्ते बढ़ाने की सिफारिश की है !! ग्रामीण ने कहा कि जब सेवक मतदाता को भोग्या और देश को बिस्तर समझने लगे तब यही हाल होता है जो राम के वन में रहने वाले हम कोल आदिवासियों का है !...मजदूर दिवस में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जो दावे किये है उस पर यह तस्वीर पीकदान साबित हो रही है ! देश और प्रदेश के पटते तालाब और कुंए ही जल संकट का समाधान है, नलकूप और हैंडपंप नही ! बुंदेलखंड में नीर की जंग चुनाव की आग पर ठंडक नही पड़ने देगी !

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