Wednesday, May 04, 2016

सूखे बाँदा में नत्थू की भूख से मौत

http://hindi.news24online.com/who-is-killer-drought-or-sys…/

5 मई बाँदा - भूमिहीन दलित मजदूर नत्थू भूख से मरा या सिस्टम के खूनी पंजे से ! जब तक वो मरा नही उसके घर चार दिन तक चुह्ला नही जला , अब मरने के बाद मुख्यमंत्री ने 5 लाख दिए, समाज अपनी हैसियत से पलक- पावड़े बिछाए है और सोमवार को नेता विपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दकी मृतक के घर जायेंगे ! सत्ता के दल्लों ने पहले सिस्टम से नत्थू को मारा और अब वोटों की ब्रांडिंग होगी !

'बाँदा में दलित के भूख से मरने के बाद घर पहुंचा समाजवादी राहत पैकेट'   

‪#‎DroughtLandlessFormerDeth‬ ‪#‎Righttofood‬ ‪#‎UPCM‬
4.05.2016
किसान की कर्जखोरी और सूखे से आहत होने के बाद हो रही आत्महत्या के बीच बीते 3 मई को नरैनी तहसील के ( बड़ोखर बुजुर्ग क्षेत्र ) ऐला गाँव के मुंगुस पुरवा में 40 वर्षीय दलित किसान नथ्थू की भूख से मौत हो गई ! अमर उजाला समाचार की खबर की माने समाजवादी राहत पैकेट के वितरण की सूचना पर नत्थू ऐला गाँव के लिए घर से खाली पेट चला था,रस्ते में हैंडपंप से पानी पीते ही वो गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई ! बतलाते चले कि चार दिन से इस भूमिहीन दलित के घर चुह्ला नही जला था ! मजदूर का मनारेगा में जाब कार्ड बना है लेकिन ग्राम प्रधान का कहना है की उसने काम नही किया था ! 
                                                    

मृतक अपने पीछे 6 बच्चे - पत्नी को छोड़ गया है ! गाँव में रिश्तेदार ने उसको कच्चा खपरैल दिया था जिसमे वो रहता था ! म्रत्यु की जानकारी मिलते ही आनन -फानन में जिला प्रसाशन ने समाजवादी राहत पैकेट उसके घर भिजवा दिया !मृतक के दो बेटे सत्रह वर्षीय दिलीप और चौदह साल के संदीप के आने पर पीएम हुआ है ! प्रशासन ने मृतक की मौत को हार्ट फेल बतलाया है !...गौरतलब है जिलाधिकारी के माध्यम से आज तक भेजी गई सरकारी रिपोर्ट में किसी भी किसान की मौत को सूखे- कर्जखोरी में आत्महत्या और भूख से मौत स्वीकार नही किया है ! मृतक की सोलह वर्षीय बेटी गुडिया भी है ! सवाल यह भी है परिवार नियोजन की योजनाओं पर पलीता लगाते गरीब यह 6 बच्चे अब किसकी निगरानी में भविष्य सवांरेंगे ?

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