Tuesday, June 07, 2016

देश बदल रहा है - आगे बढ़ रहा है मगर यहाँ पानी बेदम है !


' अगर देश बदलता है तो बदले हमें यूँ ही बसर करना है ' !
इन्हे बुलट ट्रेन नही पीएम पानी दे दो, गन्दा ही सही !

तस्वीर झाबुआ के मध्यप्रदेश के ग्राम कुन्दनपुर की !!

मध्यप्रदेश के झाबुआ में सरकारी मुलाजिम नीलम नील ने जब फेसबुक में यह वाकया शेयर किया तो अन्दर से हिल गया ! यह तस्वीर अकेले झाबुआ आदिवासी क्षेत्र की नही लगभग बुंदेलखंड में महोबा के खन्ना,गुसियारी,कपसा चित्रकूट के पाठा की है. पन्ना और उन तमाम बीहड़ वाले गांवों की है जहाँ पानी की कीमत ज़िन्दगी की भीख है ! जहाँ पानी को लेकर मुक़दमे / जूतम - पैजार सामान्य बात है ! नीलम नील फेसबुक में लिखते हुए कहती है कि - दो दिन पहले ही 5 तारीख को हमने विश्व पर्यावरण दिवस मनाया.बहुत संगोष्ठी हुई,कई चर्चा हुई !  कई डिबेट्स तो कई वार्तालाप हुए. एक-दूसरे को दिन भर बधाई दे-दे के थके नही ।
हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है....विदेशों में भारत के डंके बज रहे हैं और ये गर्व की भी बात है ।
मगर भारत के जो हालात है वो बहुत दयनीय है । मुलभुत सुविधा भी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रही । ऐसा भी नहीं के हमारे यहाँ संसाधन नहीं है,, बहुत संसाधन है मगर उपयोग सही दिशा में नहीं हो पाते ।

                                         




पानी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये मुझे बताने की ज़रूरत नहीं । इस विषय पर मैं कई बार लिख चुकी हूँ ।
लिखना तब सार्थक होता है जब उस पर अमल भी हो, अन्यथा वो सिर्फ एक लेख बन कर रह जाता है ।
ये तस्वीरें मैंने ली हैं कल..... आप देख सकते हैं पानी के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ रही है।नदी में गड्डा कर के घंटो इंतज़ार करना पड़ रहा है पानी का । पानी थोडा-थोडा आ रहा, और गड्ढे में पानी इकठ्ठा होने के बाद बर्तनों में भरा जा रहा ।
सोचिये.... घर की महिला का पूरा समय सिर्फ पानी भरने में ही निकल जाता है ।। दिन भर सिर्फ पानी के बारे में सोचती होगी और नींद में भी पानी ही दीखता होगा सपने में ।।
सरकार को कुछ ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे जो भी जल बारिश के रूप में गिरता है वो धरती के अंदर ही जाये ।
हर मकान में हार्वेस्टिंग सिस्टम कंपलसरी कर देना चाहिए,जगह जगह नदी-नालो में छोटे-छोटे डेम बना कर पानी रोकना चाहिए ।
हालात देख कर बहुत दुःख हुआ कि कहाँ हम बुलेट ट्रेन बना रहे, मिसाइलें बना रहे और पानी की सुविधा नहीं । अन्तरिक्ष में जाने,बुलट ट्रेन के सपनें और टीवी चैनल में दिखने वाले विज्ञापन पर कोफ़्त होता है ! क्या ऐसा नही लगता कि हम इस देश में सपने बेचने का राजनीतिक व्यापार मात्र कर रहे है ! 

1 Comments:

At April 24, 2017 at 6:09 AM , Blogger Arun Singh chandel said...

इन्हे बुलट ट्रेन नही पीएम पानी दे दो, गन्दा ही सही --सच है। @Chandel,BVD

 

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