Friday, June 03, 2016

देश की दस हजार मरी गाय पर हल्ला नही एक अख़लाक़ पर बवाल !

‪#‎Droughtbundelkhand‬ ‪#‎अख़लाक़‬ ‪#‎दादरी‬ ‪#‎अन्नागाय‬
 ‪#‎थाईलैंडकाटाइगरटेम्पल‬‪#‎बौद्धऔरहिन्दू‬
थाईलैंड के प्रसिद्द बौद्ध मन्दिर ' टाईगर टेम्पल ' में फ्रीजर के अन्दर 40 मरे हुए बाघों के बच्चे / शावक पाये गए है ! इसमे वन्य जीव की संरक्षित प्रजाति एवं दुर्लभ बितुरोंग का शव भी मिला है ! अंतर्राष्ट्रीय दबाव में यहाँ पाले जा रहे बाघ स्थान्तरित किये जा रहे है ! हो सकता है यह बौद्ध मंदिर बंद हो जावे इस घटना के बाद ! इस अमानवीय कृत्य को बुद्ध की अहिंसक विचारधारा और उनके सभी सिद्धांत से जोड़कर देखें तो क्या कहेंगे ?, यह वही बौद्ध धर्म है क्या जो भारत से चलकर चीन, थाईलैंड और श्रीलंका पहुंचा था ? इन तमाम देशों में बौद्ध मत के खिलाफ इन हिंसक कृत्यों की बहुलता है ! यह ठीक वैसा ही है जैसा सूखे बुंदेलखंड में अन्ना गाय के विचरण से किसान के खूटे की शान कसाई खाने में बहुतायत गाय कटने जा रही है और ऐसे ही खेतों में प्यासे गाय के बछड़े / बच्चे बे मौत मर रहे है ! 
                                                          
बावजूद कोई हल्ला नही ! देश में अगर पशु कतलखाने बंद होते तो जानवरों को खाने और मारने वाले / इनका सरकारी लाइसेंस देने वाले जेल में प्रवास करते होते !
लेकिन एक अख़लाक़ पर हल्ला मचाने वाले लोग ऐसे असमय मर रहे गाय के बच्चो और थाई लैंड में बाघ का शावक खाने वाले बौद्ध लोगो पर क्या कहना चाहेंगे ? वन्यजीव / जीव हत्या अपराध है उसमे वाद या मजहब नही अमानवीयता ही देखी जावे ! गाय मै मारू या प्रदेश का मुख्यमंत्री / देश का प्रधानमंत्री मरवाए दोनों को सजा ए फांसी होनी चाहिए ! ...आये प्रवचन करने वाले बुंदेलखंड की यह गाय दुर्दशा पर सरकार को जेल भिजवाने का सोशल अभियान चलवाये !!!
( तस्वीर साभार - उमर राशिद @ द हिन्दू )

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