Wednesday, August 03, 2016

अन्ना गाय के लिए फिर बनेंगे काजी हाउस !

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#‎अन्नागाय‬ ‪#‎बुंदेलखंड‬ ‪#‎बाँदा‬
' हाइवे पर गाय ' !

अन्ना गायों के लिए फिर से बनेंगे काजी हाउस !

4 अगस्त, बाँदा - बुंदेलखंड में किसान सृजित आपदा बनी अन्ना गाय को सुरक्षित करने के लिए बाँदा जिला प्रसाशन ने पहल की है ! ख़बरों के मुताबिक हाइवे ,चौराहों और सड़कों में घूमती आवारा / छुट्टा गाय के दयनीय हाल पर बाँदा संवेदित हुआ है ! जिलाधिकारी ने मुख्याविकास अधिकारी के मार्फ़त सभी खंड विकास अधिकारीयों को ब्लाक / ग्राम स्तर पर पुनः कांजी हाउस खोलने के निर्देश दिए है ! साथ ही जानबूझकर गाय को छोड़ने वाले पशुपालक पर जुर्माना के प्रावधान भी है ! पशुपालकों ने भैस - बकरी नही छोड़ी यह सवाल है ? 
                                                    
गौरतलब है नेशनल हाइवे में तस्वीर के माध्यम से गाय की दुर्दशा बतलाने का प्रयास किया गया है ! यह तस्वीर बाँदा - इलाहाबाद मार्ग की है ! कभी सूखे तो कभी चारा संकट की आड़ लेकर किसान / पशुपालक ने गाय की अस्मत को ही दांव पर लगा दिया है ! हाँ स्वयं प्रचार-प्रसार और पब्लिक से भूसा संग्रह के नाम पर कुछ प्रायोजित किसानों ने 'काऊ गेस्ट हाउस ' खडेकर ठगी भी की ये अलग बात है,इसमे उनके खुद के जानवर पोषित होते रहे सक्षम होने के बाद भी मगर आवारा गाय सड़क में मरती रही ! बुंदेलखंड पॅकेज से भी अन्ना गाय को रोकने के लिए करोड़ों रूपये गर्क हुए है पशुधन मद से ! उधर कथित राष्ट्रीय भक्त समय - समय पर इन्ही गाय को काटे जाने पर हल्ला भी मचाते है लेकिन वही आवारा गाय को शायद ही उनके घर से एक अदद रोटी मिलती हो ! जबकि शहरी घरों से ही मानव सृजित सब्जी- फल आदि का इतना वेस्ट कचरा उत्पाद निकलता है जो इनका आंशिक पेट तो भर ही सकता है ! पर ये कचरा शहर की नाली और फुटपाथ में नजर आता है जिसको उठाने की ज़िम्मेदारी जनता ने नगर पालिका को मानसिक रूप से दे रखी है !! 
                                           
बाँदा में अगर ये कदम उठता है और सकारात्मक मुकम्मल हुआ तो सड़कों में वाहन से मरती,भटकती इस आत्मा को शायद ' माता ' बोलने जैसा कुछ सम्मान मिल सके ! नहीं तो आवारा सड़के ,लाठी और कसाई तो है ही बाद में !!

1 Comments:

At August 3, 2016 at 9:10 PM , Blogger Unknown said...

बाँदा से लेकर बुंदेलखंड के प्रत्येक जिले की सड़कों / हाइवे में गाय की इस दुर्दशा के लिए किसान खुद ज़िम्मेदार है ! वो काली भैस क्यों नही छोड़ता है ? इसलिए की उसकी कीमत अधिक है, वो दूध ज्यादा देती है ! गाय को आवारा कुत्ता बनाकर रख दिया हमने और दुहाई देते है राष्ट्र भक्ति की , बेबसी - सूखे की ! इधर अब तो बारिश भी हो रही है , चारा भी है तब रोना क्यों है...क्या कभी इस सरकारी आसरे से उबर पाएंगे हम ? सार्वजानिक चारागाह में कब्जे और पट्टे हमने करवाएं गाँवदारी के चलते चुप रहकर ! खेतों में नही जाएगी सड़क में नही जाएगी तब क्या करे ये चलो इसको कसाई खाने ही भेजो ! #अन्नागाय

 

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