Friday, September 16, 2016

अरबों के आनाज घोटाले और रुपयों के बंटवारे के कलह से समाजवाद बिखरा !

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साभार - Pankaj Chaturvedi facebook 
अब उत्तर प्रदेश का संघर्ष जटिल हो रहा है ! मुलायम सिंह से शिवपाल का साथ दिया और गायत्री प्रजापति का निलंबन रद्द करने की बात कही, असल में मंत्रिमंडल में रखने और निकालने का फैसला तो मुख्य मंत्री करता है. इसके लिए अखिलेश राजी नहीं है अब उनकी धमकी कि खबर है कि वे मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा दे कर अमेरिका जा रहे सपरिवार ! उधर एक वर्ग रामगोपाल को गरिया रहा है. रायता ढाका कि गलियों में जिबह से उतरे खून की मानिंद फ़ैल चुका है. हालात ऐसे ही रहे तो कही राष्ट्रपति शासन ना लग जाए और ऐसा हुआ तो भाज पा के लिए यह संकट होगा ! चुनाव तक कि सारी नाकामी उनके सर होगी. असल झगडा खाद्धान घोटाले के अरबों रुपये के बंटवारे, उसके हिसाब किताब के खुलासे पर समूचे सैफई परिवार के ताजिंदगी जेल जाने का है . सात सालों तक राज्य के 45 जिलों का सरकारी गल्ला ट्रेन में भर कर नेपाल, बांग्लादेश और अफ्रीका तक भेजा गया, इतना बड़ा घोटाला कि सी बी आई आदालत को कह चुकी है कि तीस हज़ार मुक़दमे और पांच हज़ार से ज्यादा गिरफ्तारी होनी और उतना संसाधन उसके पास नहीं है. अमर सिंह यूँ ही दखल नहीं दे देता, भैया राजा यूँ ही नहीं करीबी बना रहता !            

हो सकता है कि मुलायम सिंह खुद मुख्यमंत्री पद संभाल लें, ऐसे हालात में डिम्पल और अखिलेश दोनों सियासत को बाय बाय कर विदेश बस सकते है.यदि अखिलेश के साथ 30 विधायक भी हुए तो विधान सभा भंग के हालात होंगे. बस यह जान लें कि मुलायम सिंह बुढ़ापे में जेल नहीं जाना चाहते सो राज्य की सत्ता भा ज पा को सौंपने को कुछ भी कर सकते है.आज ऊ.प्र में भाजपा का सबसे बड़ा प्रचारक मुलायम सिंह ही है !

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