Thursday, February 04, 2016

राजपक्षी सारस को कैसे बचायेंगे समाजवादी मुख्यमंत्री !

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' मुख्यमंत्री का सारस प्रेम बालू माफिया बने एमएलसी ! '

बाँदा- हमीरपुर 4 फरवरी जारी -
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव ने बीते मंगलवार को सैफई ( इटावा) में वेटलैंड संरक्षण की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्टी में कहा कि पर्यावरण युनिवर्सिटी या सारस संरक्षण के लिए अगर जिले से शोध केंद्र खोलने का प्रस्ताव आता है तो उसे मंजूरी दी जाएगी. इसके लिए सारस मित्र को एक हजार रूपये मानदेय मिलेगा ! राजपक्षी सारस पर मुख्यमंत्री के इस ऐलान से


बुंदेलखंड के बाँदा जहाँ सर्वाधिक राजहंस / लाल चोच वाला सारस पाया जाता है के प्रेमियों में उत्साह है ! मगर यह कोफ़्त भी है कि बाँदा की केन नदी का रेतीला इलाका जहाँ इनका सर्वाधिक प्रवास होता है सर्दी में वही पर सरकार बेख़ौफ़ खनन माफिया से बालू उलीचने का काम करवा रही है !....दहाड़ मारती लिफ्टर और पोकलैंड मशीन लाल बालू का धंधा पर्यावरण के मानकों को घुटनों में रखकर करती है ! ....यह सारस मानवीय अतिक्रमण और ट्रको,मशीनों की आवाजाही से सहम जाते है !....अब इनका विचरण खेतो की तरफ है मगर वहां शिकारी नही बचने देते है ! बुंदेलखंड के बाँदा - चित्रकूट में इनके सुरक्षित प्रवास की कोई सुविधा आज तक नही हुई ! वनविभाग अगर बालू माफिया के विरोध में बोले तो स्थानीय मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी उसको चुप करा देते है क्योकि राजस्व वसूली और सिंडिकेट का रुतबा कायम है !....
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में 96 सारस मिले जो अगले साल 148 पाए गए ! वर्ष 2014 में ये 234 थे लेकिन इस साल यह 203 रह गए है ! यह तो सरकारी आंकड़ा है जबकि इनकी वाजिब संख्या इससे बहुत अधिक है जो खेतों में है समूह या जोड़े में !...नदी किनारे कीड़े,मछली खाकर रहने वाला ये वन्यजीव वाइल्ड लाइफ की संरक्षित प्रजाति है मगर बालू माफिया के आगे सब कानून सजदा है !
मुख्यमंत्री को यह भी बतलाना चाहूँगा कि बाँदा - हमीरपुर से समाजवादी पार्टी ने एमएलसी टिकट खनन व्यवसाई रमेश मिश्र को दिया है यह गायत्री प्रजापति के करीबी है !....पूर्व बसपा सरकार में इनके परिवार के पास 11 बालू के पट्टे रहे है !...इसकी लोकायुक्त ने जाँच की जिसमे अवैध खनन की शिकायत भी थी !...जैसे बाँदा में सीरजध्वज सिंह का नाम बोलता है वैसे ही हमीरपुर में रमेश मिश्र हावी है बालू में ! .....अन्दर खाने की खबर यह भी है कि सपा के युवराज सिंह पूर्व एमएलसी और बालू व्यवसाई / सीरज के भाई ( जिन्हें एक प्रगतिशील किसान किसान बतलाते है यहाँ ) से टिकट के बदले एक बड़ी रकम की मांग हुई थी जो रमेश ने पूरी की !...अब बुंदेलखंड में जब पंजाब - हरियाणा का सिंडिकेट बैठ रहा है तब नदी और पहाड़ में सरकार के लोकसेवक अपना कब्ज़ा कर ले ऐसी मंशा है !....क्या ये गठजोड़ करके मुख्यमंत्री सारस / राजहंस और पर्यावरण को सहेजने का दावा करते है ? ....प्रकृति से प्रेम के लिए खनन माफिया को नेता नही बनाया जाता सरकार जी ! जबकि आपने नरेंद्र सिंह भाटी ( दुर्गाशक्ति नागपाल केस ) और रमेश के टिकट से ऐसा ही किया है ! कैसे बचेंगे सारस ? - Ashish Sagar,EX. WCCB ( Wildlife Crime Control Bureau) Special Officer / Photo By - Ashish Sagar,Place Naraini Block,Banda area

ददुआ डकैत बनेगा भगवान !

                                                        ' आठ साल बाद फिर जागा ददुआ ! ' 

जब जिंदा भ्रष्ट नेताओ के मंदिर बन रहे तब डकैतों के भी मंदिर बने तो कौन सी अतिश्योक्ति राष्ट्र में ! 
बाँदा - चित्रकूट के बीहड़ में 32 साल तक आतंक का पर्याय रहे शिव कुमार कुर्मी उर्फ़ ददुआ का मंदिर बनकर तैयार है ! इसमे उसके पिता रामप्यारे ,माता कृष्णा देवी और ददुआ की मूर्ति लगेगी ! यह जानकारी ददुआ के भाई बालकुमार ने ग्रीन हवेली,फतेहपुर के पत्रकार वार्ता में दी कि मूर्तियाँ जयपुर से बनकर आ रही है ! जिला फतेहपुर के धाता ब्लाक के नरसिंहपुर- कबरहा में बने हनुमान मंदिर में इनको लगाया जायेगा ! यह मंदिर वर्ष 2000 में बनना शुरू हुआ जो अब तैयार स्थिति में है ! ददुआ डकैत हनुमान का भक्त था,उसने ही मंदिर में अपने लूट का रुपया लगाया था ! ... उसके भाई और पूर्व सपा सांसद बालकुमार पटेल और लड़का ( विधायक सपा कर्वी - वीर सिंह ) ने गुरुवार से 14 फरवरी तक आयोजित समारोह में यह कारनामा करने का समाजवादी ऐलान किया है ! गौरतलब है बालकुमार पटेल का लड़का राम कुमार भी प्रतापगढ़ - पट्टी से विधायक है !....अब ददुआ की बोई खेती खा रहे है तो कर्जा तो अदा करना ही पड़ेगा ! भाई बाल कुमार पटेल कहते है लोगो की मर्जी भगवान को पूजे या ददुआ को !...जिंदा रहते कभी इस डकैत की तस्वीर हासिल न कर पाई पुलिस मरने के बाद ही चेहरा देख सकी ! आपरेशन ददुआ में 5 करोड़ खर्च हुआ था ! उत्तर प्रदेश में जातीय राजनीति की सेज तैयार होने लगी है क्या करियेगा चुनाव का हरित अभियान आने वाला है ! आमंत्रण पत्र मुख्यमंत्री और नेताजी मुलायम सिंह को भी दिया गया है सवाल ये है ऐसे में खाकी क्या करेगी पहरेदारी ?

Monday, February 01, 2016

कोटेदार ने अनाज नही दिया तो किसान ने की आत्महत्या !

1 फरवरी 2015 - Reed Story and Help us Bundelkhand Drought Farmer Case In Banda 

मृतक किसान माँ के इलाज को नही जुटा पाया 50 हजार रुपया !

किसान आत्महत्या की फेहरिस्त में आज बाँदा जिले के बेंदाघाट की ग्राम पंचायत ( खौडा ) के मजरा दतरौली निवासी युवा किसान रामसिंह उम्र सैतीस साल ने फांसी लगाकर कर आत्महत्या की ! बतलाते चले कि बंटवारे की तीन बीघा खेती में अनाज न होने और बीती सुबह कोटेदार के बीपीएल कार्ड में राशन देने से मना करने पर अवसाद में गए इस किसान ने जीवन लीला का अंत कर लिया ! राजस्वकमियों ने मृतक के परिजनों को फौरीतौर पर कोटे से एक कुंटल राशन देने का निर्देश दबंग कोटेदार को दिया है ! गरीबी में परिवार नियोजन पर सवाल खड़ा कर रहे इस किसान राम सिंह की बेवा सुमनलता 6 बच्चो की माँ है ! ( दो बेटे और चार लड़की सब नाबालिंग है जिसमे सबसे छोटा बच्चा डेढ़ साल का गोद में ) सदर तहसील के चिल्ला थाना क्षेत्र इस किसान ने पशु का चारा रखने की अटारी में धन्नी पर रस्सी के सहारे यह आत्महत्या की ! पत्नी सुमनलता ने पति को जब लटका देखा तो शोरगुल मचाया ! रामसिंह की माँ को ह्रदय की गंभीर बीमारी ( दिल का वाल्ब डैमिज है ) उसे माँ के इलाज के लिए 50 हजार की आवश्यकता थी जो पूरी नही हुई ! गाँव वालों का कहना था कि अगर कोटेदार राशन देने से मना नही करता तो अन्न से बेदखल यह किसान फांसी नही लगाता ! बुंदेलखंड में यह सच है खाद्य सुरक्षा कानून का ! जब आप अन्त्योदय और बीपीएल को दो रूपये में गेंहू देने का दावा करते है !अभियान के शैलेन्द्र श्रीवास्तव नवीन ने 2 हजार रूपये देकर बेवा को दिलासा दी ! मौके पर पहुंचे साथियों ने किसान की बेटियों के निकट भविष्य में ब्याह और अन्य तकलीफ का खर्चा उठाने का वादा किया है ! तिंदवारी विधायक दलजीत सिंह और इलाके के सपा नेता बच्चन सिंह सहित ग्राम प्रधान अभी तक नदारद है ! जो साथी इस पीड़ित परिवार की मदद करना चाहे वो खाता नाम - ' अन्नदाता की आखत ',बैंक यूपी ग्रामीण बैंक,शाखा विलेज कालूकुआँ,बाँदा ,खाता संख्या - 11020100073334,IFSC Code - ALLA0AU1102 में अपना सहयोग दे सकते है ! ...आपको यह विस्वास रहे यह आखत मृतक किसान परिवार के पास सीधी पहुचेगी !

Sunday, January 31, 2016

गरीबी में अन्नदाता की आत्महत्या !

( तस्वीर - प्रतीकात्मक स्वयं की है बाँदा के गाँव अतरहट से )
बेंदाघाट,बाँदा 1 फरवरी -

'' दूर तक पसरा सन्नाटा है, न डिजीटल, न स्मार्ट है और न ही सैर- सपाटा है !यह किसान की आत्महत्या है , किसने इसका दर्द बांटा है ? '' 

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बंटवारे में मिली तीन बीघा कृषि भूमि में खेती कर परिवार पाल रहे युवा किसान ने फसल न होने और आर्थिक तंगी से टूट कर अटारी में फांसी लगा ली ! राजस्वकमियों ने मृतक के परिजनों को फौरीतौर पर कोटे से एक कुंटल राशन देने का निर्देश दिया है ! सदर तहसील के चिल्ला थाना क्षेत्र के दतरौली गाँव निवासी 37 वर्षीय किसान रामसिंह पुत्र दशरथ खेत से आने के बाद सीढ़ी से अटारी में चढ़ा और यह कदम उठा लिया ! धन्नी से रस्सी के सहारे यह आत्महत्या की गई ! पत्नी सुमनलता ने पति को जब लटका देखा तो शोरगुल मचाया ! रामसिंह की माँ को ह्रदय की गंभीर बीमारी है उसे माँ के इलाज के लिए 50 हजार की आवश्यकता थी जो पूरी नही हुई !....मृतक के पीछे दो पुत्र और चार बेटियां है ! सभी नाबालिंग है एक बेटा डेढ़ माह का है !
( गरीबी में परिवार नियोजन का कटु सच यह भी है कि मनोरंजन दैहिक सुख से होता है उसका दुखद परिणाम बच्चे ऐसे ही भोगते है ! वैसे भी सरकार के इस सम्बन्ध में किये गए प्रयास अथिश्योक्ति पूर्ण है ! जब ग्रामीण बच्चे खिलौने की जगह कंडोम से खेलते है ! यह अलग बात है उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्र में एनजीओ और खुद से खिलौना बैंक खोलने जा रही है ! ..खिलौने बच जाए यह देखने वाली बात होगी ! )....तहसीलदार सुनील पटेल,कानूनगो अवधेश पटेल और लेखपाल ने खुद माना है कि किसान की आर्थिक हालत दयनीय है !...सरकारी भरोसा मिला है कि शाषन से मदद करवाई जाएगी उधर गाँव के प्रधान पति विवेक सिंह ने मृतक के परिवार से मुलाकात की है ....! लगातार दो दिन में दो किसान आत्महत्या बाँदा में हुई !