Saturday, May 07, 2016

बुंदेलखंड के सूखे में भूख का असली चेहरा !

' एक रोटी की कीमत तुम क्या जानो अमीर बाबू ??? ' 

‪#‎भूखकाअसलीचेहरा‬ ‪#‎RighttoFood‬ ‪#‎आजादीऔरबुंदेलखंडकासूखा‬
                                         इस शहर में आदमी इस तरह गुमनाम है,
                               किसी की रंगीन जिंदगी तो कोई लिए ग़मगीन शाम है !
7 मई 2016 - बुंदेलखंड के सूखे और पानी पर जब देश के मीडिया हब,संपादकीय पेजों पर चर्चा और सियासत हो रही हो तब बाँदा के नेशनल हाइवे 76 इलाहाबाद मार्ग के गाँव नंगनेधी की तस्वीर बहुत कुछ कहती है ! जहाँ यह केन्द्रीय योजनाओं / पॅकेज पर सवाल खड़ा कर रही है वही समाजवादी राहत पैकेट और खाद्यान सुरक्षा कानून पर यक्ष प्रश्न भी है ! बाँदा के ही नरैनी ( ऐला गाँव के मुंगुस पुरवा ) मृतक दलित मजदूर नत्थू की कथित भूख से मौंत के बाद मदद और ख़बरों का विलाप तेज हुआ है उधर यह गरीब और असहाय बुजुर्ग महिला राज्यमार्ग में किसी के गेंहूँ के गट्ठर या बैलगाड़ी से गिरे कुछ अंजुरी भर पत्थर की गिट्टी और तारकोल में मिले ' आनाज गेहूं ' को उसा रही है अपने उम्मीद के हाथों से ! यह मटमैला गेंहूँ कितने समय में हासिल होगा यह अलग बात है मगर वो उसी कवायद में लगी थी ! 
                                                



शायद यह इसके एक वक्त के भोजन का जुगाड़ कर देगा ! तस्वीर लेते समय लगा कि भूख कितनी जल्लाद होती है ? यह महिला से बेहतर कौन बता पायेगा ! उसको कैमरे की दस्तक से नहीं अमीर बाबू अपने उस पथरीले गेंहूँ से इश्क है जो उसके और शायद परिवार के निवाले की आस है ! विधाता उन लोगों को सम्मति देवे जो खाने की थाली,विवाह और अन्य में अनाज को थालियों में व्यर्थ छोड़कर चले आते है ! ....समाजवादी सांसद नरेश अग्रवाल तक अगर हो सके तो यह तस्वीर भिजवा देना मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी क्योकि उन्हें लोकसेवकों की पगार कम लगने लगी है ! ...सच तो यह कि अभी बहुत कुछ आजादी की तलाश में है ! @ तस्वीर सहित आशीष सागर,बाँदा .

Thursday, May 05, 2016

बाँदा नवाब का बाबू साहेब तालाब भू - माफिया के कब्जे में !

' बाँदा नवाब का बनाया बाबू साहेब तालाब भू - माफिया ने बेच दिया ' !

तालाबों की कोख हुई बंजर, तो बुंदेलखंड को चुभा सूखे का खंजर !


बाँदा में सूखा पड़ने पर बना था यह तालाब जिसको नवाब के कारिंदे बाबूराव गोरे ने अपनी देखरेख में बनवाया था ! शहर के ग्यारह बड़े तालाबों में शुमार ये जलाशय का बड़ा रकबा आज आवासीय कालोनी में तब्दील है ! इसके बाद निर्माण हुआ नवाब टैंक का !
बाँदा जिलाधिकारी योगेश कुमार महोदय इसी नवाब टैंक की तरह और इससे पूर्व का बाबूसाहेब तालाब अतर्रा चुंगी चौकी के पास है जिसके सर्वराह्कार / केयर- टेकर भी आप ही है ! इसको भी बाँदा नवाब ने बनवाया था जब बाँदा में सूखा पड़ा था ! उसको भू - माफिया ने एक जाति विशेष को बेच दिया है, उसमे फर्जी गौ- शाळा बनाकर बाँदा के अरबिंद रिछारिया, लेखपाल भानु प्रताप चौबे सहित अन्य ने ठिकाने लगा दिया है ! लेखपाल इस जुर्म में जेल भी गया अब बाहर है ! आज करीब तेतीस बीघे का यह लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट का प्राचीन जलाशय दफ़न होने की कगार पर है अगर समय मिले तो कभी इसकी पड़ताल करियेगा ...सभी कागज मेरे पास सुरक्षित है !
                                                          


 हाल ही में 29 अप्रैल को बाँदा आये राज्य सभा संवाददाता अरबिंद कुमार सिंह ने इसको बुंदेलखंड के सूखे पर लिया है ! बाँदा शहर के ही ग्यारह तालाब छाबी तालाब( नगर पालिका ने ख़तम किया कब्जे और कूड़े से ) ,स्वराज्य कालोनी का साहब तालाब (चारों तरफ से अतिक्रमण में जिसमे अब तक लाखो रुपया सदर विधायक विवेक सिंह,नगर पालिका गर्क कर चुकी है पर सूरत नही बदली ) सहित अतिक्रमण के शिकार है ! बाँदा के क़स्बा अतर्रा के तालाब देखें उन्हें तो नगर पालिका ही सूचनाधिकार की सूचि में अवैध कब्ज़ा मान चुका है बावजूद इसके कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर उच्च न्यायलय तक के आदेश फाइल में दबे है ! चित्रकूट जिले का कोठी तालाब ,गणेश भवन ( पुरातत्व के संरक्षण में ) बुंदेलखंड के महोबा में जहाँ आज पानी की रेल मंगाने का तमाशा किया जा रहा है उसमें भी सियासत हो रही है वही चन्देल कालीन मदन सागर ,कीरत सागर( पुरात्तव के संरक्षण में )  ,विजय सागर ,बेला ताल और चरखारी के विशाल तालाब देखें अगर यह आज सुरक्षित होते तो पानीदार बुंदेलखंड बेपानी नही होता ! कानून को पाजेब बनाकर रखना हमने सीखा है ...यह नितांत दुखद है !

Wednesday, May 04, 2016

सूखे बाँदा में नत्थू की भूख से मौत

http://hindi.news24online.com/who-is-killer-drought-or-sys…/

5 मई बाँदा - भूमिहीन दलित मजदूर नत्थू भूख से मरा या सिस्टम के खूनी पंजे से ! जब तक वो मरा नही उसके घर चार दिन तक चुह्ला नही जला , अब मरने के बाद मुख्यमंत्री ने 5 लाख दिए, समाज अपनी हैसियत से पलक- पावड़े बिछाए है और सोमवार को नेता विपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दकी मृतक के घर जायेंगे ! सत्ता के दल्लों ने पहले सिस्टम से नत्थू को मारा और अब वोटों की ब्रांडिंग होगी !

'बाँदा में दलित के भूख से मरने के बाद घर पहुंचा समाजवादी राहत पैकेट'   

‪#‎DroughtLandlessFormerDeth‬ ‪#‎Righttofood‬ ‪#‎UPCM‬
4.05.2016
किसान की कर्जखोरी और सूखे से आहत होने के बाद हो रही आत्महत्या के बीच बीते 3 मई को नरैनी तहसील के ( बड़ोखर बुजुर्ग क्षेत्र ) ऐला गाँव के मुंगुस पुरवा में 40 वर्षीय दलित किसान नथ्थू की भूख से मौत हो गई ! अमर उजाला समाचार की खबर की माने समाजवादी राहत पैकेट के वितरण की सूचना पर नत्थू ऐला गाँव के लिए घर से खाली पेट चला था,रस्ते में हैंडपंप से पानी पीते ही वो गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई ! बतलाते चले कि चार दिन से इस भूमिहीन दलित के घर चुह्ला नही जला था ! मजदूर का मनारेगा में जाब कार्ड बना है लेकिन ग्राम प्रधान का कहना है की उसने काम नही किया था ! 
                                                    

मृतक अपने पीछे 6 बच्चे - पत्नी को छोड़ गया है ! गाँव में रिश्तेदार ने उसको कच्चा खपरैल दिया था जिसमे वो रहता था ! म्रत्यु की जानकारी मिलते ही आनन -फानन में जिला प्रसाशन ने समाजवादी राहत पैकेट उसके घर भिजवा दिया !मृतक के दो बेटे सत्रह वर्षीय दिलीप और चौदह साल के संदीप के आने पर पीएम हुआ है ! प्रशासन ने मृतक की मौत को हार्ट फेल बतलाया है !...गौरतलब है जिलाधिकारी के माध्यम से आज तक भेजी गई सरकारी रिपोर्ट में किसी भी किसान की मौत को सूखे- कर्जखोरी में आत्महत्या और भूख से मौत स्वीकार नही किया है ! मृतक की सोलह वर्षीय बेटी गुडिया भी है ! सवाल यह भी है परिवार नियोजन की योजनाओं पर पलीता लगाते गरीब यह 6 बच्चे अब किसकी निगरानी में भविष्य सवांरेंगे ?

Tuesday, May 03, 2016

सूखे में उम्मीद की मशाल बना किसान दशरथ अहिरवार !

‪#‎बेपानीकिसानपानीदारहोसकताहै‬
बुंदेलखंड-3 मई आँखों देखी ! 

' हौसला हो तो यह मानव सृजित सूखा पानीदार हो सकता है !! ' 

अजयगढ़ (मंझपटिया),पन्ना- बुंदेलखंड में जहाँ शहर से पंद्रह किलोमीटर वाले लगभग हर गाँव में जलसंकट है,जो ग्रामीण आबादी वाले इलाके में हाय पानी ! कहते है वही कुछ ऐसे भी किसान है जिन्होने अपनी गाढ़ी जमा पूंजी से पानी का प्रबंध बिना सरकारी मदद के किया है ! इस भयावह सूखे में वो ही गाँव त्रस्त है जिन्होने अपने पारंपरिक तालाब,कुंए,पोखर कब्जाकर हैंडपंप और नलकूप को जुगाड़ का साधन मानकर जीवन जीना सीख लिया ! या वे दुखी है जो सरकारी मदद मिले इसका मुंह ताक रहे है ! कहते है अपने हुनर और सब्र से आदमी सब कुछ कर सकता है अगर यह न होता तो इसी देश में ' झारखण्ड का सिमोन,बुंदेलखंड का भैयाराम यादव और दशरथ मांझी न जन्म लेते ' ! 
यह पन्ना जिले के अजयगढ़ विकासखंड के मंझपटिया ग्राम पंचायत की तस्वीर है ! इस गाँव में वैसे तो 9 कुंए और कई हैंडपंप है ! लेकन सब बेपानी है,कुछ हैण्ड पम्प रिबोर से पानी दे रहे है लेकिन दो बाल्टी निकालने के बाद आराम तलबी हो गए है, क्या करें उनकी देह से इस गाँव के बासिंदों ने हाड़- मांस और आतें निकाल ली है अत्यधिक जल दोहन से ठीक वैसे ही जैसा मानवीय स्वाभाव से दूसरी जगह हुआ है ! 
                                                         




   
बारिश का एक बूंद पानी संचय नही किया तो रोना लाजमी है ! ...इसी गाँव के रहवासी दशरथ अहिरवार ने अपनी 15 हजार की पूंजी लगाकर अपनी पत्नी सुनीता के साथ यह कुआं खोदा है ! नीचे पत्थर निकला तो उसको तोड़कर उम्मीद से निकाला गया ! ..किस्मत गरीब का साथ दे गई और अब इस कुंए में तीस फिट पर पानी निकल आया है ! इससे उसका आधे घंटे बोर चलता है जो खेत में पानी ले जा रहा है !...सूखे से पीड़ित गाँव को देखने के बाद वापसी में यह भी देखने को मिला ! दसरथ अहिरवार का कुआं अभी चारो तरफ से कच्चा है उसको आशा है कि जल्द ही इसे पक्का करने के बाद वो आने वाली बारिश तक बड़ी जलराशि एकत्र कर लेगा ! ...पत्नी सुनीता जंगल में आचार पेड़ का फल लेने गई थी तब तक उसकी प्यारी बिटिया ऊषा से बात करने पर पता चला कि दीप,केतकी और मातादीन,भगवानदीन उसके दो छोटे भाई भी है ! ऊषा की एक सुन्दर तस्वीर ली है जिसमे वो अपनी आत्मिक संतुष्टि के साथ संसाधनों के आभाव में बेहद खुश दिखी !..उसकी मुस्कराहट में गरीबी का फिकारा शाही तोहफे सा लग रहा था !

Monday, May 02, 2016

चित्रकूट के कोल आदिवासी नाले से नहा रहे !

2 मई 2016-

' देवांगना घाटी के आदिवासी नाले में नहाने को बेबस ' !!!

चित्रकूट की तपोभूमि और अघोर वनसंपदा,झरने,पैश्वनी / मंदाकनी नदी की अविरलता में स्नान करने वाले कोल आदिवासी अबकि साल नाले में नहा रहे है ! गत दिवस राज्यसभा पत्रकार श्री अरबिंद कुमार सिंह जी के साथ जब देवांगना घाटी में पहुंचा तो स्थानीय प्रसाशन के दावों में पलीता इस तस्वीर ने लगा दिया ! बीहड़ में 
लुटे- पिटे जंगल के बीच पानी को खोजते गाय और अन्य पशुओं के हाल दुखद है ! वही मानव सृजित सूखे की त्रासदी के मध्य ये वनवासी चटियल बुंदेलखंड में दूर तक फैली खेतों की वीरानी पर गंदे नाले में नहा रहा था ! 
                                                               
                                          
इसने हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद हरदोई नरेश अग्रवाल के उस बयान पर भी कोफ़्त किया जिसमे उन्होंने संसद चर्चा के समय माननीय सांसदों के वेतन - भत्ते बढ़ाने की सिफारिश की है !! ग्रामीण ने कहा कि जब सेवक मतदाता को भोग्या और देश को बिस्तर समझने लगे तब यही हाल होता है जो राम के वन में रहने वाले हम कोल आदिवासियों का है !...मजदूर दिवस में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जो दावे किये है उस पर यह तस्वीर पीकदान साबित हो रही है ! देश और प्रदेश के पटते तालाब और कुंए ही जल संकट का समाधान है, नलकूप और हैंडपंप नही ! बुंदेलखंड में नीर की जंग चुनाव की आग पर ठंडक नही पड़ने देगी !

Sunday, May 01, 2016

बुंदेलखंड में अन्ना गाय हाइवे में प्यासी मरने लगी !!!

केन्द्रीय जल मंत्री और झाँसी सांसद उमा भारती ने सर्किट हाउस में बैठक करके बुंदेलखंड पैकेज से 400 करोड़ रूपये और दिए जाने की घोषणा की है ! यह रुपया पूर्व और वर्तमान सांसद की समिति बनाकर उनकी मंशा के अनरूप खर्च किया जायेगा ! जो कार्य पहले नही हुए उन्हें प्राथमिकता में रखेंगे ऐसा जल मंत्री उमा भारती ने कहा है ! 
लेकिन सवाल इतना कि जब 7266 करोड़ रुपया नही सहेज पाए जमीन में तब इसकी क्या गारंटी है ? गाय वाले राष्ट्रभक्तों की केंद्र सरकार और समाजवादी मुखिया को शर्म आनी चाहिए ! परबेहया नेता कब शर्म से पानी - पानी होने लगे ? जब खेत की आबरू हाइवे पर प्यासी मरने लगे तब भारत देश कहलाने पर सोचना पड़ेगा !
मंत्री उमा जी अगर नियत पाकीजा होती तो बुंदेलखंड में सूखा नही होता ! गाय अन्ना होकर हाइवे पर प्यासी नही मरती और किसान आत्महत्या नही करता ! 
                                                             


                 
बुंदेलखंड विशेष पैकेज - उत्तर प्रदेश के हिस्से आया - 3506 करोड़ 
मध्यप्रदेश के हिस्से आया - 3760 करोड़ रूपये ( पहले तीन साल था 2009 से 12 तक बाद में और बढ़ा,मियाद 31 मार्च 2015 ) कुल रुपया 7266 करोड़ मिला जिसमे बुन्देली पशुओं और अन्ना जानवर / गाय के रोकथाम के लिए यह कार्य किये जाने थे ! 
उत्तर प्रदेश में सात लाख हेक्टयेर और मध्यप्रदेश में चार लाख हेक्टयेर कृषि भूमि विकसित करना ! अन्ना प्रथा ( छुट्टा जानवर ) के लिए जागरूकता अभियान - 1.92 करोड़ रुपया दिया ! चारा बैंक स्थापना में - 2.10 करोड़,3 - चारा ब्लाक यूनिट स्थापना - 3.58 करोड़ !
4- पशु अस्पतालों का आधुनिकीकरण - 13.50 करोड़ 
5 - सचल पशु अस्पताल और कृत्रिम गर्भादान सेंटर - 5.64 करोड़ 
6 - गैर सरकारी संघठन के माध्यम से कृत्रिम गर्भादान - 15.33 करोड़ 
7- बकरी इकाई स्थापना - 11.25 करोड़ रुपया जिसमे 1.40 करोड़ की बकरी मर गई है !,टीकारण अभियान ट्रेनिंग - 11.33 करोड़ !
ग्राम्य दुग्ध सहकारी समिति गठन - 2.80 करोड़ दुग्ध क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए 9.65 करोड़ फ़िलहाल दिए गए ! 
8 - मांस प्रसंस्करण इकाई स्थापना - 4 करोड़ 
9 - टीकारण अभियान ट्रेनिंग - 11.33 करोड़ 
ग्राम्य दुग्ध सहकारी समिति गठन - 2.80 करोड़  दुग्ध क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए 9.65 करोड़ फ़िलहाल दिए गए !
10 - भूमि संरक्षण विभाग ( मैदानी सेकेण्ड ) को बंधी / चेक डैम के लिए 100 करोड़ रूपये जिसमे वर्ष 2013 - 14 में दस करोड़ की बंधी बाँदा में बनी है जो सूखी है या बनी नही !
11 - वनविभाग को ड्राई चेक डैम बनाने के लिए - बाँदा में दिए 58 लाख जो कागज में बनी है !
12 - बुंदेलखंड पैकेज सात जिलों में (ग्रामीण अवस्थापना केंद्र ) आनाज गोदाम मंडी बनी है यह संख्या में 133 है ! जिसमें झाँसी में 24,ललितपुर में 23,बाँदा 19,चित्रकूट में 15,महोबा में 10,हमीरपुर में 23,जालौन में 19 मंडी बनी है,इनमे भी समाजवादी सरकार ने सीएनडीएस / अपने चहेते ठेकेदारों को इसका ठेका दिया था ! आज सभी आनाज गोदाम मंडी में सूखा है अन्न भंडारण नही ! तस्वीर में चित्रकूट के देवांगना घाटी में जर्जर गाय बच्चे को दूध पिलाती हुई और एनएच 76 में प्यास से मरी गाय अतर्रा मार्ग पर !! - आशीष सागर,प्रवास