Friday, September 09, 2016

उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को दिया झटका, सीबीआई जाँच को ला पटका !

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नौ सितम्बर 2016 - 
' सीबीआई जाँच को रोकने की याचना ख़ारिज '
- जाँच से हलकान थे पेशेवर माफिया और ठेकेदार-नेता 

- किसानों की सब्जी और तैयार फसलें रौदतें है ट्रक बीते माह उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में बाधित बालू के अवैध खनन की सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे ! सीबीआई ने खाशकर बालू धंधे को चर्चित बुंदेलखंड के बाँदा,चित्रकूट,हमीरपुर,जालौन आदि से खनिज विभाग को घेरना भी शुरू कर दिया था ! लेकिन समाजवादी सरकार ने महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह और सुप्रीम कोर्ट के आला वकील खड़े करके रिकाल निवेदन किया था ! कि कुछ एक लोगों की शिकायत पर न्यायलय सभी जिलों में सीबीआई जाँच क्यों करवा रही है ! जबकि खनन अवैध नही है कम या ज्यादा हो सकता है ! 
                             
                             

माननीय न्यायलय ने बीते नौ सितम्बर अपने सुरक्षित रखे फैसले को सुनाते हुए प्रदेश सरकार का पुनः रिकाल निवेदन अर्जी ख़ारिज कर दी है ! डबल बेंच ने कहा कि अगर आप बालू का अवैध खनन और एमएम 11 रवन्ना प्रपत्र की चोरी करके रायल्टी को चूना नहीं लगा रहे है तो सीबीआई जाँच में दिक्कत क्या है ? बतलाते चले बुंदेलखंड में तो कुछ दैनिक पत्रकार से लेकर एक बोतल दारू की जुगाड़ वाले भी चेक पोस्ट जिला पंचायत / हाइवे में वसूली करते मिल जाते है ! ये रुपया संपादक तक जाता है ! इस पेशे में बीजेपी,सपा और बसपा के सर्वाधिक नेता जिन्हें माफिया कहे ही शामिल है ! प्रतिदिन चार सौ ओवर लोड ट्रको और सैकड़ो ट्रैक्टर से यहाँ की सड़के बेजार,बजंर हो गई है ! अर्थ मूविंग मशीनों से नदियों की कोख खाली की जाती है जिस पर जिलाधिकारी से लेकर एसपी / चौकियां तक हफ्ता वसूलती है ! कोर्ट के इस फैसले से वे किसान लाभान्वित होंगे जो अपनी फसलें और कछवाही ( सब्जियां ) बालू ठेकेदारों के रुतबे से रुंद्वाते है ! गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बालू का सर्वाधिक खनन बुंदेलखंड क्षेत्र में होता है ! गायत्री प्रजापति से लेकर इटावा का सिंडिकेट यहाँ सीना ताने है !

Wednesday, September 07, 2016

सपा विधायक विश्वम्भर के साए में छिपा राजा भैया यादव

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Amitabh Agnihotri (K News) जी जब ये कहते है कि
' उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था के लिए सबसे ज़रूरी होगा कि पुलिस थानों को राजनैतिक दखल से मुक्त किया जाए। ' 
तब बाँदा की ये तस्वीर भी सामने आती है ! 7 सितम्बर को पेज चार पर नरैनी के गुढ़ा कला गाँव में दुष्कर्म का आरोपी ( जिस पर बाँदा एसपी समेत अतर्रा थानाध्यक्ष चार्जसीट लगाए जाने का दावा करता है ) वो सपा के अपने अजीज -समर्थक बबेरू विधायक विशम्भर यादव,तालाब बाज समाजसेवी भाई ब्रिगेड #प्रायोजितअपनातालाब के साथ टाटा प्रोजेक्ट पर भक्तों के समसामयिक सियासी मुद्दे 'गाय' पर प्रवचन कर रहा है ! इस जलसे में बाँदा के वो खबरनवीस भी रहे जिन्हें इस गटर के आदमी को सभ्रांत / लक्ष्मीपति बनाने का श्रेय जाता है ! एक दारू के बोतल में पत्रकारिता के सिद्धांत ताक पर रखने वाले ये लोग गाहे - बगाहे बाँदा में बालू की अवैध ढुलाई में नेशनल हाइवे पर उगाही करते पाए जाते है ! पिछले 25 फरवरी से कागजों में फरार चल रहे,समाज के सामने मुंह छिपाकर धूमने वाले इस व्यक्ति राजा भैया यादव को पुलिस ने समाजवादी सरकार की सरपरस्ती में संरक्षण दिलवाया है ! सपा विधायक विशम्भर यादव के मोहपाश में फंसे पुलिस अधिकारी ये तो दावा करते है कि सीमा विश्वकर्मा दुराचार केस में चार्जसीट लगा दी गई है ! जिसका सीएस नंबर 90 / 16 है लेकिन इस तरह विधायक के साथ सार्वजानिक उपस्थिति समाजवाद के राजनीतिक पुलिसिया गठबंधन को भी बेपर्दा करती है !    



खाकी अपना 'यादव धर्म ' निभा रही है ! चकला घर चलाने वाला मदमस्त है ! फ़िलहाल प्रवासनामा संपादक / मेरे  ऊपर सपा विधायक बबेरू और राजा भैया यादव संचालक विद्याधाम समिति ने अपनी पेशेवर ब्लाक संयोजिका 'चिंगारी ' बुजुर्ग 52 वर्षीय गुलुआ उर्फ़ गुडिया से जो एससी-एसटी एक्ट सहित चार अन्य धाराओं में रेप केस दर्ज करवाया था क्रास केस बनाकर उसमे पुलिस ने अपनी जाँच में आरोप मुक्त किया है ! अब असल लड़ाई अदालत में होनी है ! वचन देता हूँ उस महिला सहित इन सबको सुप्रीम कोर्ट तक अगर लड़ने का जज्बा हुआ तो वो भी पूरा करेंगे !#justiceforseema

Tuesday, September 06, 2016

खटिया चोर जनता के खिलाड़ी नेता

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' राहुल गाँधी की किसान रैली ' !
राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव को देखते हुए 'किसान यात्रा निकाल रहे है,यह ग्यारह सितम्बर बाँदा / बुंदेलखंड आएगी ! यात्रा की शुरुआत देवरिया के रुद्रपुर गांव से हुई। यहां राहुल ने लोगों के साथ खाट पर चर्चा की। 
इसके लिए 2000 खाटों का इंतजाम किया गया था। क्या महिला और क्या बूढ़े -बच्चे-युवा सब खाट लुटेरे बन गए ! सोचिये गर कही सोना -चांदी,कपडे होते तब कितनों के सर,पैर टूटते !
जैसे ही देवरिया में राहुल की सभा खत्म हुई लोगों ने सभी खाटें लूट लीं। पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी इस लूट में शामिल दिखीं। जिस खाट पर जो बैठा था वही उसे लूटकर ले गया।
चाय पर चर्चा और खाट पर चुनाव,
जो घूमे कल तक एसी में ,आज घूम रहे गाँव !
इस घड़ियाली लोकतंत्र की अजब कहानी है,
वोट की खातिर चलता है हर तरह का दांव !
मुर्गा,दारु - रुपया में जनता बिक जाती है,
चोर नेता करते पांच साल कांव - कांव !! 
 जिस देश में ' खटिया चोर ' खाट लूटने वाली भेड़-चाल जनता हो,मल का रुपया खा लेने वाले प्रसाशनिक अधिकारी हो वहां मताधिकार से चुने हुए 'माननीय ' अगर भ्रष्ट,दोगले,अवसरवादी है तो अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए ! 
'जनता के द्वारा जनता के लिए जनता के चुने हुए डकैत ! ' सियासी बीहड़ में सब एक है !
क्या इस देश की घटिया मानसिकता कभी बदलेगी ! 
#खाटपरचुनाव #पीके #बीजेपी



Sunday, September 04, 2016

हिमांचल सरकार ने बन्दर को खूंखार घोषित किया !

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नफरत के काबिल दो पैर का हिंसक जानवर !
हिमांचल सरकार ने शिमला के बंदरो को मारने के लिए तीन सौ रूपये इनाम रखा है ! क्या अकेले आदमी धरती में रहना चाहता है ? वन्यजीव के घर में आदमी कब्ज़ा किये तो वो ' सफारी और अभ्यारण्य ' बन गए लेकिन जब वन्यजीव शहर में आये तो घुसपैठिये घोषित हुए ! क्या इतने खतरनाक है वनचर अगर हाँ तो उनका जंगल वापस क्यों नही लौटा देते ? आदम की जात !
 हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग पर केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 10 जिलों की 38 तहसीलों में बन्दरों (रिसेस मंकी) को एक वर्ष की अवधि के लिये वर्मिन घोषित करने के सम्बन्ध में एक अधिसूचना जारी की है।
http://www.amarujala.com/…/kill-a-monkey-and-get-300-rupees…
http://www.himshimlalive.com/?p=12578
हाल ही में केंद्र सरकार ने नीलगाय / वनरोज को मारने की हरी झंडी दी थी ! वन्यजीव पर ये अत्याचार न सिर्फ क्रूरता है वरन मानवता पर सवाल है ? प्रकृति अपने कितने सुन्दर रूप लिए है इसका प्रमाण ये बुजुर्ग वृक्ष की तस्वीर है जिसने अपनी विशाल जटा से घरोंदे को तहस - नहस नहीं किया है ,उसको सुन्दर बनाया है !
                               
आदमी विकास के अंधे अफलातूनी दौड़ में सब कुछ खत्म कर दे रहा है ,तितली,जुगनू,गौरैया,सोन चिरैया से लेकर गिद्ध,कौआ तक आज विलुप्त होने लगे है ! क्या भविष्य में बंदर को भी कहानी में पढ़ा -सुना जायेगा ? अगर ऐसा है विकास तो ये मनुष्य के समाप्ति का कारण भी है !

मेरठ में एक था नीम का पेड़ !

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आजादी की जंग का चश्मदीद गवाह पेड़ विकास ने काट दिया !
उस पेड़ को जिसने कई पीढ़ियों को बिना किसी भेद भाव ,रंग-भेद के शुद्ध प्राणवायु प्रदान की ! जिसने छाँव में अब तक असंख्य जीव जन्तुओ -परिंदो को आश्रय दिया ! अपनी पत्तो - टहनियों व् शीतल छाया से सबको बिना किसी स्वार्थ के प्रवास दिया ! आज मेरठ के सामाजिक कार्यकर्ताओं के घोर विरोध के बावजूद विकास की आरी ने आजादी की लड़ाई में गवाह रहे ' नीम का पेड़ ' काट दिया ! डाक्टर विजय पंडित कहते है हम विरोध करते रहे और सरकारी नुमाइशबाजी करके पौधरोपण करने वाले इस आजादी के शिलालेख को काटते चले गए ! इस पेड़ ने कभी किसी से नही कहा कि क्यों मेरी जड़ो पर थूकते हो,मेरे बदन में कील ठोकते हो या मेरी छाया में क्यों बैठ जाते हो ? उसने वो सब दिया जितनी उसकी अस्मिता थी ! जब विकास इतना आवश्यक हो सड़कों का कि हम ये न तय कर सके जमीन के कितने लेन की सड़क में चलकर संतुष्ट होंगे ' ? उनमें कंक्रीट के हाइवे,मेट्रो खड़े होंगे ? तब ये मान लेना चाहिए कि आदमी धरती के लिए सबसे दुर्दांत रचना है प्रकृति की जो अपने मिटने से पहले सब कुछ मिटा देना चाहता है ! 
                                              
यथा विदुर के लाख मना करने के बाद भी हठी ध्रतराष्ट्र ने खुद मरने से पहले अपना वंश ख़त्म कर लिया था ! विजय पंडित जी अभी तो ये प्रथम चरण का विकासवादी चरित्र है जब हमें वनचर खूंखार ( बन्दर) लगने लगे और बाघ अजूबा सा प्रतीत हो तब हमारे बौद्धिक पतन की प्राथमिक पुष्टि हो जाती है ! देश में रोजाना बनते नेशनल हाइवे में सैकड़ो पुराने पेड़ यूँ ही धराशाही होते है मगर कितने है जो एक नीम के पेड़ पर संवेदना जाहिर करते है ! वो भी नही जो इन्हे बचाने / रोपने का ठेका लिए है ! मेरठ के कुछ जागरूक लोगों ने इस बुजुर्ग पेड़ के अंतिम संस्कार में ये श्रधांजलि देकर उसका कर्ज चुकाया है बस इसके नाम का एक नीम का पेड़ वहां रोपना जहाँ आदमखोर पहुँच न सके ! लखनऊ से कानपूर तक चौड़े हो रहे सड़क में भी सैकड़ो पेड़ कटने है,झाँसी -महोबा-बाँदा में यही होना है क्या करियेगा हम सरकारी मिशनरी से लड़ सकते है पर इन्हे मार नही सकते नहीं तो देशद्रोही हो जायेंगे ! आशीष सागर